Connect with us

Hi, what are you looking for?

Exclusive

भ्रष्ट्राचार के आरोपों के दम पर चलती राजनीति !

पिछले दशक की शुरुआत में केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार सत्ता में थी। इस सरकार पर कोयला घोटाला, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, 2G घोटाला समेत कई बड़े घोटालों के आरोप लगे। उसी दौरान हुआ अन्ना हजारे आंदोलन भी उसी मुद्दे पर आधारित था।

इन मामलों में एक मामला गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ा हुआ था, जिन पर हरियाणा में जमीन घोटाले का आरोप लगा। फिर उन आरोपों के सहारे सरकार के खिलाफ माहौल बनाया गया, और अंततः कांग्रेस समर्थित यूपीए सत्ता से बाहर हो गई।

उसके तकरीबन एक दशक बाद, पिछले साल, हरियाणा की भाजपा सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में हलफनामा देकर बताया कि “कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के जरिए डीएलएफ को जमीन हस्तांतरण में नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया गया है।” मतलब कोई मामला ही नहीं बनता।

इस मामले में मीडिया की निष्पक्षता को इसी बात से समझा जा सकता है कि रॉबर्ट वाड्रा के घोटाले के बारे में तो देश जानता है लेकिन उन्हें मिली इस क्लीन चिट के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई। बाद में 1.76 लाख करोड़ के तथाकथित 2G घोटाला समेत अधिकतर मामले अदालतों में टिक नहीं पाये।

तो क्या यह मान लिया जाये कि एक दशक में तमाम एजेंसियां मिल कर भी, इन बहुचर्चित मामलों में कोई घोटाला नहीं तलाश पाईं? लेकिन तब तक शायद कुछ राजनैतिक दलों को चुनाव जीतने का एक फूलप्रूफ फॉर्मूला मिल चुका था – “भ्रष्ट्राचार का आरोप लगाओ, सोशल मीडिया व मीडिया ट्रायल के दम पर बदनाम करो और चुनाव जीत जाओ।”

ठीक इसी तर्ज पर, आम आदमी पार्टी के अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर भ्रष्ट्राचार का आरोप लगाया, सैकड़ों पन्नों के सबूत होने की बात कही गई, लेकिन इन्हीं आरोपों के दम पर सत्ता में आने के बाद, उनकी सरकार ने उन तथाकथित घोटालों के खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाई नहीं किया।

इस तरीके को दर्जनों बार आजमाया गया, और एकाध बार को छोड़ कर, लगभग हर बार यह सफल भी हुआ। पिछले एक दशक में हुए विधानसभा चुनावों पर नजर डालिए। साल 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से लेकर 2023 के छत्तीसगढ चुनावों तक, एक ही तय पैटर्न है – आरोप लगाओ, चुनावी फायदा उठाओ और सत्ता में आने के बाद भूल जाओ। इस बीच दबाव में आकर जो आपके पक्ष में आ जाये, उसे तुरंत क्लीन चिट दे दो, ताकि बाकी भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित हों।

और अगर इतने के बाद भी कहीं गलती से हार जाते हैं तो फिर जोड़-तोड़ वाला तरीका (उदाहरण- बिहार, मध्य प्रदेश, गोवा आदि) तो है ही, जो सत्ता की गारंटी है।

क्या कोई बताएगा कि महाराष्ट्र में अजीत पवार पर लगे हजारों करोड़ के घोटालों के आरोपों के बाद,जब वे एनडीए के पाले में आए, तब क्या वे घोटाले गायब हो गये? पिछले महीने, उनके सहयोगी छगन भुजबल और उनके भतीजे के खिलाफ मामला बंद करवाते हुये ईडी ने कोर्ट में हलफनामा दायर किया – “हमें उस केस की फाइल ही नहीं मिल रही है।” ऐसा कहीं होता है क्या?

भ्रष्ट्राचार के मामले पर हर एक चुनाव लड़ रही भाजपा का के एक सच यह भी है कि पिछले 10 वर्षों के उनके शासन में, उनकी एजेंसियों ने सिर्फ छापेमारी की है, भ्रम फैलाया है, मीडिया ट्रायल करवाया है, लेकिन कोर्ट में किसी भी मामले को साबित नहीं कर पाई हैं। पिछले हफ्ते झारखंड के मुख्यमंत्री को खनन घोटाले में लपेटने की कोशिश को खारिज कर के, रांची उच्च न्यायालय ने फिर एक बार, यह साबित किया।

इस मामले में सबसे मजेदार बात यह है कि सभी आरोप सिर्फ उन्हीं राज्यों में लगते हैं, जहां वे विपक्ष में होते हैं। सत्ता में आने के बाद वे उन्हीं नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते, जिनके खिलाफ चुनाव प्रचार के दौरान हजारों करोड़ के घोटालों के आरोप लगाये जाते हैं।

एजेंसियों का ट्रैक रिकॉर्ड
जिन एजेंसियों के दम पर यह आरोप- प्रत्यारोप का खेल चल रहा है, उनका रिकार्ड देखिए। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार एजेंसी ने पिछले 18 वर्षों में 33,988 मामलों में जांच शुरू की, 5,906 मामले दर्ज किए, लेकिन मात्र 24 मामलों में ही वे आरोप साबित कर पाये। यह परफॉर्मेंस तब है, जब उनके पास पीएमएलए के तहत असीमित शक्तियां, अपने नियम और अपनी अदालतें होती हैं। इस रफ्तार से कितने दशकों/ सदियों में बाकी मामलों का निपटारा होगा?

लेकिन तब तक, यह सब ऐसे ही चलता रहेगा, सरकारें आती जाती रहेंगी, मीडिया खामोश बैठा रहेगा और न्यायपालिका मूकदर्शक बन कर तमाशा देखती रहेगी।

Share this Story...
Advertisement

Trending

You May Also Like

Jharkhand

रांची। कोल्हान में कांग्रेस सांसद तथा पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा के भाजपा में शामिल होने के बाद अटकलों का दौर...

Jharkhand

रांची। झारखंड में #INDIA गठबंधन की सरकार ने विश्वास मत जीत लिया है। विधानसभा में हुए शक्ति परीक्षण में सत्ता पक्ष को 47 वोट...

Jharkhand

रांची/ खूँटी । झारखंड राज्य के स्थापना दिवस और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज खूँटी के...

Jharkhand

रांची। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब अपने निर्धारित कार्यक्रम से एक दिन पहले 14 नवंबर को ही झारखंड आ जाएंगे। पहले जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी...

error: Content is protected !!
Exit mobile version