उदयपुर। केंद्र सरकार की कैटलशेड स्कीम में करोड़ों के गड़बड़झाले को लेकर पिछले डेढ़ साल से चल रहे ग्रामीण आदिवासी समुदाय के विरोध और दोषियों की कार्रवाई की मांग को अनदेखा करने से खफा आदिवासी महिला-पुरुषों ने शुक्रवार को उदयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
इस विरोध प्रदर्शन में खेरवाड़ा और ऋषभदेव पंचायत समितियों की 72 पंचायतों के प्रतिनिधि पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने भ्रष्टाचारियों की गिरफ्तारी की रखी मांग के साथ गबन कर दी गई राशि की रिकवरी की मांग की। उनका आरोप है कि मामला करीब 21 करोड़ के गड़बड़झाले का है और गुरुवार को जिला परिषद ने महज 32 लाख की रिकवरी के आदेश जारी कर लीपापोती की नीति अपनाई है। यह भी सामने आया है कि इन प्रतिनिधियों ने प्रदर्शन के लिए तीन दिन पहले अनुमति मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने नहीं दी। इस बीच कम राशि की रिकवरी से खफा आदिवासी समाज के लोग शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पर आ डटे।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की मनरेगा के तहत पशु शेड योजना सहित पंचायत की अन्य योजनाओं में भारी गोलमाल का मामला उजागर तो हो गया, एक साल पहले अप्रेल 2020 में एफआईआर भी दर्ज हो गई लेकिन अब तक दोषियों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई। अब भ्रष्टाचारियों के खिलाफ ग्रामीण एकजुट हो गए हैं। ग्रामीणों में प्रशासन द्वारा कार्रवाई में लेटलतीफी से खासा रोष है। आदिवासियों ने कलेक्ट्रेट पर पारंपरिक गीत गाकर सरकार को भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जगाने का प्रयास किया। गीत में उन्होंने कहा कि पंचायतों में किस तरह घोटाले हुए जिसके जिम्मेदार सरपंच, सचिव और समिति संचालक हैं, उन्हें जल्द गिरफ्तार करो। (साभार: संजीवनी टुडे)