Connect with us

Hi, what are you looking for?

Adiwasi.com

National

विष्णु देव साय के बहाने लोकसभा चुनाव में आदिवासी वोटरों पर नजर !

रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा को मिली शानदार जीत के बाद नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान हो चुका है। विष्णुदेव साय को राज्य का नया मुख्यमंत्री चुना गया है। राजनैतिक हलकों में चल रही चर्चा के अनुसार आदिवासी वोटर्स को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने यह फैसला लिया है। दरअसल लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ओबीसी कार्ड को मजबूत करने में जुटी हुई है। ऐसे में पहले से तय था कि भाजपा आदिवासी समाज से किसी को मुख्यमंत्री बना सकती है।

दरसल छत्तीसगढ़ में 34 प्रतिशत आबादी आदिवासी है जो कि सरकार बनाने और हर चुनाव में काफी निर्णायक माने जाते हैं। उनके लिए आरक्षित 29 सीटों के बिना छत्तीसगढ़ में सरकार बनाना बहुत मुश्किल है। साल 2018 में इनमें से 27 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी, और इस बार इनमें से 17 पर भाजपा विजयी हुई है। ज्ञात हो कि पिछले लोकसभा चुनावों में भाजपा ने राज्य की 11 सीटों में से 8 सीटों पर जीत हासिल की थी, जिनमें 4 आरक्षित सीटों में से 3 शामिल थीं।

रमन सिंह को हटा कर नाराजगी दूर की गई
राजनैतिक जानकारों का मानना है कि इस बार भाजपा ने रमन सिंह को सीएम के रूप में पेश नहीं किया, जिसका फायदा भी पार्टी को हुआ। दरअसल, सलवा जुडूम कार्यक्रम के कारण आदिवासी वोटर्स 2018 में रमन सिंह से नाराज हो गए थे। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के पीछे यह भी एक बड़ा कारण माना जाता है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बहाने आदिवासी वोटरों पर नजर
पिछले साल भाजपा ने देश के पहले आदिवासी राष्ट्रपति के तौर पर महामहिम द्रौपदी मुर्मू को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठाया। इसके बाद भी लगातार आदिवासी वोटरों को आकर्षित करने के लिए केंद्र सरकार ने देशभर में कई काम किए तथा कई योजनाएं पेश कीं। आदिवासी समाज के महापुरुषों (भगवान बिरसा मुंडा, टंट्या भील, महारानी दुर्गावती आदि) की नये सिरे से ब्रांडिंग की गई, और उनके बहाने आदिवासी वोटरों से सीधा सम्पर्क साधा गया। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मिली यह जीत इस बात की तस्दीक करती है कि भाजपा अपने लक्ष्य में सफल रही।

भ्रष्ट्राचार के मुद्दे पर होगी लड़ाई
दरअसल, भाजपा 2024 के चुनाव में करप्शन को एक बार फिर मुद्दा बनाने वाली है। ऐसे में विष्‍णुदेव साय की साफ छवि एवं जमीन से जुड़े स्वभाव के बहाने बीजेपी ने खुद को ईमानदार दिखाने की कोशिश की है।

विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ की कुनकुरी इलाके के कांसाबेल से लगे बगिया गांव के रहने वाले किसान परिवार से आते हैं, जिनकी गिनती रमन सिंह के करीबी लोगों में होती है। वे साल 2020 से 2022 तक प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं। वे सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। साथ ही वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काफी करीब हैं। साल 2019 में लोकसभा टिकट कटने तथा 2022 में प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाए जाने के बाद भी वे पार्टी से लगातार जुड़े रहे।

Share this Story...

You May Also Like

National

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आदिवासी विवाह को लेकर एक अहम फैसले में कहा है कि आदिवासी समाज के विवाह में तलाक के लिए हिन्दू...

National

जगदलपुर। सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ ने प्रदेश की 50 विधान सभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सर्व...

National

बस्तर। छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री और आदिवासी नेता कवासी लखमा के बयान पर एक बार फिर सियासी बवाल मचा हुआ है और बीजेपी ने...

National

भोपाल/ रायपुरः मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों में अब एक साल से भी कम समय बचा है। सभी पार्टियों की नजर इन...

error: Content is protected !!