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केंद्र ने आदिवासी समुदाय को टीडीएस कटौती से राहत दिया

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने अधिसूचित आदिवासी क्षेत्र में रहने वाले जनजातियों को बैंक में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस कटौती से राहत देने का निर्णय लिया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कल देर रात यहां जारी बयान में यह जानकारी देते हुये कहा कि प्रतिभूति पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस कटौती में राहत नहीं दी गयी है। बैंक में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज में यह छूट दी गयी है और अधिसूचित आदिवासी क्षेत्र में स्थित बैंक में जनजातियों की जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस की कटौती नहीं करेगा। उसने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये अधिक का भुगतान नहीं होना चाहिए।

इस अधिसूचना के तहत मंत्रालय ने कहा कि “आयकर अधिनियम, 1961 अधिनियम की धारा 194ए के तहत निम्नलिखित भुगतान पर कोई कर कटौती नहीं की जाएगी। किसी निर्दिष्ट क्षेत्र में रहने वाले अनुसूचित जनजाति के सदस्य (‘रिसीवर’) को एक निर्दिष्ट क्षेत्र में स्थित अनुसूचित बैंक (‘भुगतानकर्ता’) द्वारा किए गए प्रतिभूतियों पर ब्याज के अलावा ब्याज की प्रकृति में भुगतान अधिनियम की धारा 10 में संदर्भित है।”

आयकर अधिनियम की धारा 194ए प्रतिभूतियों के अलावा अन्य ब्याज पर टीडीएस से संबंधित प्रावधानों से संबंधित है। यदि निवासी को ब्याज (प्रतिभूतियों पर ब्याज के अलावा) का भुगतान किया जाता है, तो धारा 194ए के तहत कर काटा जाना है। इस प्रकार, अनिवासी को ब्याज के भुगतान के मामले में धारा 194ए के प्रावधान लागू नहीं होते हैं।

आदेश में कहा गया है कि बैंकों को इस बात की पुष्टि करनी होगी कि भुगतान प्राप्त करने वाला एसटी समुदाय से संबंधित है। इसके अतिरिक्त, भुगतानकर्ता स्वयं को संतुष्ट करता है कि प्राप्तकर्ता किसी भी निर्दिष्ट क्षेत्र में रहने वाले अनुसूचित जनजाति का सदस्य है और अधिनियम की धारा 10(26) में संदर्भित अनुसार प्राप्तकर्ता को भुगतान अर्जित हो रहा है।

बैंक को ऐसे भुगतान की सूचना आयकर अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार कर कटौती के विवरण में देनी होगी। पिछले वर्ष के दौरान किए गए भुगतान या किए गए भुगतानों का योग 20 लाख या उससे कम होना चाहिए।

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