रांची। झारखंड के छह छात्रों को राज्य के छात्रवृत्ति कार्यक्रम के तहत विदेश में मुफ्त उच्च शिक्षा मिलेगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्याण मंत्री चंपई सोरेन गुरुवार को रांची में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना के लाभार्थियों और उनके अभिभावकों को सम्मानित करेंगे।
यह योजना राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जनजातियों के छात्रों के लिए विदेशों में उच्च अध्ययन करने के लिए शुरू की गई है। छात्रवृत्ति के पुरस्कार विजेता रहने और अन्य विविध खर्चो के साथ-साथ ट्यूशन फीस के पूर्ण कवरेज के हकदार हैं। हर साल अनुसूचित जनजाति से 10 छात्रों का चयन किया जाएगा।
छात्रवृत्ति के पहले समूह के लिए 6 छात्रों को चुना गया है, जो सितंबर में ब्रिटेन के 5 विभिन्न विश्वविद्यालयों में अपना अध्ययन कार्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं।
चयनित छात्रों में हरक्यूलिस सिंह मुंडा यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज से एमए करने जा रहे हैं। अजितेश मुर्मू यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन से आर्किटेक्चर में एमए करने जा रहे हैं। आकांक्षा मेरी को लॉफबोरो विश्वविद्यालय में जलवायु परिवर्तन, विज्ञान और प्रबंधन में एमएससी कार्यक्रम के लिए चुना गया है, जबकि दिनेश भगत ससेक्स विश्वविद्यालय में जलवायु परिवर्तन, विकास और नीति में एमएससी करेंगे।
अंजना प्रतिमा डुंगडुंग को वारविक विश्वविद्यालय में एमएससी के लिए चुना गया है और प्रिया मुर्मू लॉफबोरो विश्वविद्यालय में क्रिएटिव राइटिंग और राइटिंग इंडस्ट्रीज में एमए करेंगी।
हरक्यूलिस ने कहा, मैं जयपाल सिंह मुंडा ओवरसीज स्कॉलरशिप को आदिवासी बुद्धिजीवियों और विद्वानों के लिए छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आगे लाने में सक्षम बनाने के एक साधन के रूप में देखता हूं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, हमारी सरकार आदिवासी छात्रों के लिए उच्च शिक्षा की सुविधा सुनिश्चित करने के प्रति प्रतिबद्ध है। यही कारण है कि इस छात्रवृत्ति योजना के साथ ऐसा अद्वितीय अवसर लाने के लिए काम किया जा रहा है। उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले सभी छात्रों को मेरी शुभकामनाएं। मैं सभी को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
हमारे विद्वान, अगुआ… हमारे आदरणीय मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा जी की याद में हमारी सरकार ने इस योजना को प्रारंभ किया है। यह देश की पहली ऐसी योजना है और झारखण्ड देश का पहला राज्य है, जो आदिवासी समाज के छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप दे रहा है। हमें उम्मीद है कि आनेवाले दिनों में अन्य छात्रों को भी इनसे प्रेरणा मिलेगी और आदिवासी समाज के युवा विश्व पटल पर हमारी संस्कृति, संस्कार और हमारे समाज का प्रतिनिधित्व करेंगे और देश सहित राज्य का नाम रोशन करेंगे।
– हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री
विदेश में पढ़ने वाले पहले आदिवासी थे जयपाल सिंह मुंडा
जयपाल सिंह मुंडा वर्ष 1922 से 1929 के बीच इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाले पहले आदिवासी छात्र थे । बाद में उन्होंने 1928 में हुए एमर्स्डम ओलंपिक में भारतीय राष्ट्रीय हॉकी टीम का भी प्रतिनिधित्व किया था और टीम ने गोल्ड मेडल जीता था। लगभग 100 वर्ष बाद मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की स्मृति एवं सम्मान में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आदिवासी छात्रों को विदेश में उच्च शिक्षा के लिए सहयोग के लिए स्कॉलरशिप स्कीम की शुरू की है।