इस गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा की है। इस लिस्ट में शामिल पद्मश्री से सम्मानित रमीलाबेन गामित का नाम कई लोगों के लिए नया है, लेकिन गुजरात में उनके द्वारा किए गए कामों की लम्बी फेरहिस्त है।
गुजरात के तापी जिले की इस आदिवासी महिला ने स्वच्छता के क्षेत्र में जिले को पूरे देश में गौरवान्वित किया है। इस गरीब आदिवासी महिला ने अपने गांव को स्वच्छ और आरामदायक बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है, और सरकार के मिशन मंगल कार्यक्रम के तहत गांव की महिलाओं और पुरुषों को अपने गांव में 100% शौचालय बनाने के लिए राजी किया है, तथा गांव को स्वच्छता के क्षेत्र में एक नई उम्मीद दिखाई है। इस आदिवासी महिला को उसके ऐसे कई कामों के लिए आज पद्मश्री से नवाजा जा चुका है।
आदिवासी बहुल तापी जिले की टपरवाला गांव की आदिवासी महिला रमीलाबेन गामित ने सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उन्हें 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित महिला दिवस समारोह में सम्मानित किया गया था। आदिवासियों के कल्याण के लिए उनके अथक प्रयासों के लिए इन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
पद्मश्री रमीलाबेन गामित: जीवन परिचय