सरायकेला। एक दूरदर्शी जन-प्रतिनिधि और एक समर्पित अधिकारी की जुगलबंदी क्षेत्र में कितने सकारात्मक बदलाव ला सकती है, यह समझना हो तो सरायकेला आइये। कल यहाँ झारखंड के परिवहन एवं आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन ने सरायकेला सदर अस्पताल में 6 आईसीयू बेड, डिजिटल एक्स-रे तथा अल्ट्रासाउंड की सुविधा का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के दौरान भावुक दिख रहे मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि – “सरायकेला के गंभीर मरीजों को, अब इलाज के लिए जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा।”
कार्यक्रम के तुरंत बाद मंत्री ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा – “यह एक सपने के सच होने जैसा है। पहले, जब भी कोई गंभीर मरीज आता था तो उसे MGM (जमशेदपुर) या #RIMS भेजना पड़ता था। अब हमारे सरायकेला में 6 ICU Bed उपलब्ध हैं जो निश्चित तौर पर, गंभीर मरीजों के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। साथ में डिजिटल एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की सुविधा शुरू हुई है।”
यह एक सपने के सच होने जैसा है। पहले, जब भी कोई गंभीर मरीज आता था तो उसे MGM (जमशेदपुर) या #RIMS भेजना पड़ता था।
अब हमारे सरायकेला में 6 ICU Bed उपलब्ध हैं जो निश्चित तौर पर, गंभीर मरीजों के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। साथ में डिजिटल एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की सुविधा शुरू हुई है। pic.twitter.com/y50A5VyjsH
— Champai Soren (@ChampaiSoren) July 25, 2022
दरअसल सरायकेला में लगातार बढ़ रही स्वास्थ्य सुविधाओं के पीछे एक रोचक कहानी है। यह बात पिछले साल कोरोना संक्रमण के दूसरे दौर की है जब एक समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री चंपई सोरेन ने जिले के उपायुक्त अरवा राजकमल से पूछा – “क्या हम लोग अपने सदर अस्पताल में आईसीयू की सुविधा नहीं शुरू कर सकते हैं? क्या हम कुछ ऐसा नहीं कर सकते कि स्थानीय लोगों का इलाज यहीं होने लगे?”
साल 2008 बैच के युवा आईएएस अरवा राजकमल ने कुछ महीनों पहले ही जिले के उपायुक्त का प्रभार ग्रहण किया था। कुछ देर सोचने के बाद उन्होंने जबाब दिया – “हम लोग इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को अनुशंसा करेंगे, लेकिन इसमें कुछ समय लग सकता है क्योंकि विभाग फिलहाल कोरोना संकट से जूझने में लगा हुआ है।”
मंत्री ने पूछा – “क्या कोई और तरीका नहीं है, जिस से यह प्रक्रिया तेज हो सके?” मीटिंग में बैठे अन्य लोगों के लिए बात वहीं खत्म हो गई लेकिन जिले के उपायुक्त ने मंत्री के इस निर्देश को एक मिशन की तरह लिया। उन्होंने कई कंपनियों से सम्पर्क कर के, उनके सीएसआर फंड के बारे में जानकारी लेना शुरू कर दिया।
इसके कुछ हफ्तों बाद गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (GAIL) का एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त से मिलने पहुंचा। उन्हें जिले में गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए आदित्यपुर नगर निगम, सरायकेला नगर पंचायत तथा ग्रामीण पंचायतों के साथ समन्वय में काफी समस्या हो रही थी तथा इसके लिए वे उपायुक्त का सहयोग चाह रहे थे। उपायुक्त ने उनसे कहा कि सहयोग करना तो हमारा काम है और हम यह जरूर करेंगे, लेकिन क्या आपकी कंपनी अपने सीएसआर फंड से हमारे जिले के लिए कुछ कर सकती है?
उनके सकारात्मक जबाब पर उपायुक्त ने उन्हें सदर अस्पताल में 6 आइसीयू बेड बनवाने का प्रस्ताव दिया। कुछ हफ्तों बाद, गेल (GAIL) के प्रतिनिधि ने उपायुक्त से कहा कि आप टेंडर निकाल कर एक एजेंसी का चयन कर लिजिए, उन्हें पैसे हम दे देंगे। तब मंत्री चंपई सोरेन से मंत्रणा कर के डीसी अरवा राजकमल ने उन्हें कहा कि आप (GAIL) स्वयं टेंडर निकाल कर सक्षम एजेंसी का चयन कर लीजिए, हम आपको सदर अस्पताल में जगह उपलब्ध करवा देंगे।
तत्पश्चात मंत्री चंपई सोरेन ने इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया और कुछ महीनों के बाद, और कल सरायकेला की जनता की यह बहुप्रतीक्षित माँग पूरी हो गई। इस के साथ-साथ, सीएसआर फंड से ही बने डिजिटल एक्स-रे तथा अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी शुरू हो गई। उसी सदर अस्पताल में कॉरपोरेट सीएसआर फंड से आरटी-पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट तथा एमआरआई (MRI) जाँच की सुविधा शुरू होने वाली है।
इसके अलावा सरायकेला में शीघ्र ही एक 100 बेड के अत्याधुनिक अस्पताल का शिलान्यास होने जा रहा है। राजनगर के सोसोडीह में कल्याण विभाग के द्वारा एक 50 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है। इन सभी के शुरू हो जाने के बाद, सरायकेला-खरसावां जिला एक प्रकार से, स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में आत्म निर्भर हो जायेगा।