अहमदाबाद। भारतीय ट्रायबल पार्टी के विधायक और क्षेत्र के बड़े आदिवासी नेता छोटू भाई वसावा ने तापी जिले (गुजरात) के दोसवाड़ा में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (वेदांता ग्रुप) की प्रस्तावित फैक्ट्री के खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका डाली है।
विधायक ने अपनी याचिका में कहा है कि इस फैक्ट्री के बनने की सूरत में, उस क्षेत्र में कृषि-संबंधित गतिविधियों को भारी नुकसान होगा, तथा यह फैक्ट्री क्षेत्र के आदिवासियों के हितों को नुकसान पहुंचायेगी। इस याचिका में वेदांता ग्रुप को जमीन उपलब्ध करवाने के मार्ग में आ रही कुछ तकनीकी व न्यायिक खामियों की ओर भी अदालत का ध्यान आकृष्ट किया गया है।
इस मुद्दे पर, छोटू भाई ने अपनी ट्विटर पोस्ट में लिखा है – “किसानों और पर्यावरण को खत्म करने वाला विकास अब नहीं चलेगा। इसलिए वेदांता के खिलाफ हमारे द्वारा PIL की गई है।”
ज्ञात हो कि पिछले कुछ हफ्तों से सोशल मीडिया पर दोसवाड़ा का मुद्दा छाया हुआ है, और पर्यावरण प्रेमियों, आदिवासियों तथा स्थानीय लोगों द्वारा वेदांता ग्रुप के इस प्लांट का पुरजोर विरोध किया जा रहा है।
कौन हैं छोटू भाई वसावा?
गुजरात की झगाड़िया विधानसभा सीट (भरूच) से विधायक छोटू भाई वसावा का दक्षिणी गुजरात के आदिवासी-बहुल क्षेत्रों में खासा दखल है। पिछले चुनावों में उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को 48 हजार से भी ज्यादा वोटों से हराया था। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस सीट पर वे 1990 से लगातार जीतते आ रहे हैं। पहले जद-यू के साथ रहे छोटू भाई ने पिछले गुजरात चुनावों से ठीक पहले भारतीय ट्रायबल पार्टी नामक नये राजनैतिक दल का गठन किया था। पिछले राजस्थान चुनावों के दौरान उनकी पार्टी ने दो सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था।
ज्ञात हो कि हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी जिंक (जस्ता) उत्पादक है, जिसकी गिनती विश्व के पांच बड़े जिंक उत्पादकों में होती है। इसने हाल में ही, दोसवाड़ा में 300 KTPA की क्षमता वाले ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के लिए गुजरात सरकार के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया था। यह फैक्ट्री करीब 415 एकड़ के क्षेत्र में बनेगी, जिसके लिए दस हजार करोड़ का निवेश प्रस्तावित है।