अगर कोई आपसे पूछे कि आप सोशल मीडिया पर क्या करते हैं तो कुछ लोग कहेंगे कि वे दोस्तों व रिश्तेदारों से जुड़ने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। वहीं कुछ लोग अपनी कला दिखाने अथवा अपने व्यवसाय का प्रचार करने के लिए यहाँ आते हैं। लेकिन झारखंड के मुख्यमंत्री तथा कई मंत्री व विधायक इसका इस्तेमाल आम जनता की परेशानियां सुनने व उसका समाधान करने के लिए करते हैं।
उदाहरण के तौर पर, कल सुबह पूर्वी सिंहभूम जिले की उपायुक्त विजया जाधव ने मंत्री चंपई सोरेन के एक ट्वीट पर जबाब देते हुए लिखा – “आदरणीय सर, मामले को त्वरित संज्ञान में लेकर नजमी हंसदा जी का ऑपरेशन डॉक्टरों द्वारा कर दिया गया था। आज इनको डिस्चार्ज करवा दिया गया है।” दरअसल, यह ट्वीट जिले के मुसाबनी की एक निर्धन आदिवासी बच्ची के बारे में था, जिसे मंत्री के निर्देश पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई गई।
नजमी बेटी के इलाज की समुचित व्यवस्था के लिए @DCEastSinghbhum महोदया एवं जिला प्रशासन को धन्यवाद। मेरी कामना है कि बिटिया शीघ्र स्वस्थ होकर, सामान्य बच्चों जैसा जीवन व्यतीत कर सके। https://t.co/xm0ewFcH6C
— Champai Soren (@ChampaiSoren) May 19, 2022
दरअसल, राज्य के परिवहन एवं आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन ट्विटर पर खासे एक्टिव हैं और हर दिन दर्जनों लोगों की मदद करते हैं। इसमें कई मामले चिकित्सा से जुड़े होते हैं तो अन्य मामले पेंशन की स्वीकृति, राशन कार्ड, मजदुरों की घर-वापसी, पेयजल आपूर्ति, पुलिस सहायता आदि से सम्बंधित होते हैं। उनके ट्विटर टाइमलाइन पर ऐसे हजारों ट्वीट दिखते हैं जिनमें लोगों को मदद मिली है।
जब हमने उनसे इस संबंध में संपर्क किया, तो उन्होंने कहा – “सोशल मीडिया पर कई लोग अपनी परेशानियां और शिकायतें लेकर आते हैं और हमारा प्रयास रहता है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को मदद मिल जाये। मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन समेत राज्य के प्रशासनिक व पुलिस विभाग के अधिकारी जन-समस्याओं के प्रति खासे सजग हैं तथा इस माध्यम से भी, हम लोग हर दिन दर्जनों लोगों की मदद कर रहे हैं।”
मंत्री चंपई सोरेन के ट्वीट देखने पर पता चलता है कि वे मदद करने से पहले लाभुक का नाम, पता, या जाति-धर्म नहीं देखते। कई बार उनके ट्वीटर हैंडल से भाजपा समेत विपक्षी दलों से जुड़े कई लोगों को भी मदद मिल जाती है। इस बारे में पूछने पर मंत्री के चेहरे पर मुस्कान तैर गई – “हमारी सरकार राजनैतिक वजहों से आम लोगों में भेदभाव नहीं करती। इस राज्य में रहने वाला हर एक व्यक्ति हमारा अपना है, और हर जरूरतमंद की सहायता के लिए हम लोग कॄत-संकल्पित हैं।”
सोशल मीडिया पर मिल रही इस मदद से आम लोग भी खासे खुश हैं। एक सामाजिक कार्यकर्ता प्रिंस बेसरा लिखते हैं – “झारखंड के हरेक मामले को गंभीरता से लेते है और कार्यवाही का आदेश देते है। झारखंड की जनता हमेशा आपके लिए दीर्घायु होने की दुआ करती है।”
एक युवा समाजसेवी रीता मुर्मू ट्विटर पर लिखती हैं – “बेटियों के पिता होने के नाते राज्य के अन्य बेटियों के प्रति भी आपकी अभिभावक की भूमिका प्रशंसनीय है। आज तक जिन भी बेटियों ने मदद मांगी, आपने हमेशा आगे बढ़ कर उनकी मदद की है। धन्यवाद।”
जब हमने ऑनलाइन सहायता पा रहे लाभुकों की संख्या के बारे में पूछा, तो “झारखंड टाइगर” के नाम से अपने प्रशंसकों के बीच प्रसिद्ध, मंत्री ने कहा – “संख्या तो हजारों में होगी लेकिन हम लोग यहाँ गिनती करने नहीं, बल्कि मदद करने बैठे हैं। हमारे लिए महत्वपूर्ण यह है कि जरूरतमंदों को सहायता मिल रही है। आखिर इसी काम के लिए तो उन्होंने हमें चुना है।”