रांची। अखिल भारतीय आदिवासी धर्म परिषद की राष्ट्रीय बैठक 24 जुलाई को करम टोली में होगी। आदिवासी समाज के धार्मिक एवं सांस्कृतिक पहचान के लिए धर्म कोड आंदोलन को धार देने के लिए देश के विभिन्न प्रदेशों जैसे झारखंड, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार आदि के आदिवासी समाज के विभिन्न जनजातियां शामिल होंगी।
ख़बरों के मुताबिक इस बैठक में अखिल भारतीय आदिवासी धर्म परिषद का पुनर्गठन भी किया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए दामू मुंडा ने बताया कि “देश में आदिवासियों की संख्या 15 करोड़ से ज्यादा होने के बावजूद भी आदिवासियों को धर्मकोड नहीं दिया गया है। इस देश में आदिवासी समाज धर्म/ कॉलम से वंचित है। धर्म के नाम पर जातियों को जनगणना प्रपत्र में उल्लेखित किया जा रहा है। इस तरह आदिवासियों की संख्या घटाने का घोर षड्यंत्र चल रहा है। जान बूझकर राजनीतिक पार्टियां के द्वारा धर्मकोड का समर्थन नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है। आदिवासियों के साथ निरंतर इस मामले पर छलावा किया जाता रहा है। आने वाले समय में आदिवासियों के धर्मकोड विरोधियों को दूरगामी परिणाम भुगतने होंगे।”