नागपुर (महाराष्ट्र)। जिले के आदिवासी विकास विभाग के कार्यालय में आदिवासी छात्र दो दिन से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर हैं। दरअसल, बीते गुरुवार को एक व्यक्ति ने आदिवासी छात्रावास में घुसकर छात्रा से छेड़खानी की। इस घटना से छात्रावास की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। इस घटना को लेकर छात्र पिछले दो दिन से कार्यालय के बाहर आंदोलन कर प्रशासन का विरोध कर रहे हैं।
छात्रावास में हुई इस घटना के बाद छात्रावास की छात्राएं घबराई हुई है। छात्रों ने बीते शुक्रवार को विभाग के कार्यालय के सामने आंदोलन किया था और वार्डन समेत सभी जबाबदार कर्मचारियों को निलंबित करने की मांग की थी। इस दौरान, शीर्ष अधिकारी ने छात्रों को इस मामले में उचित कार्रवाई करने का आश्वासन देकर वापस भेज दिया था। हालांकि, अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रशासन के सुस्त रवैये से छात्रों में रोष है। छात्र सोमवार से ठंड में विभाग के कार्यालय के सामने बैठे हुए हैं। लेकिन अभी तक किसी भी अधिकारी ने आकर उनकी समस्या जानने की कोशिश तक नहीं की। उल्लेखनीय है कि उपराजधानी में 19 दिसम्बर से शीत सत्र शुरू हो चुका है लेकिन किसी भी नेता ने इन छात्रों पर ध्यान नहीं दिया।
क्या है मामला?
बीते गुरुवार को आदिवासी छात्रावास में घुसकर एक अज्ञात व्यक्ति ने एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ की। छात्रा के इसका विरोध करने और चिल्लाने के बाद आरोपी वहां से भाग खड़ा हुआ। इस बात की जानकारी वार्डन को दी गई लेकिन उन्होंने इस बात को टालमटोल करने कोशिश की। हालांकि, छात्रों के रोष व्यक्त करने के बाद उन्होंने कोतवाली थाने में इस मामले की शिकायत की। जिसके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर दिया है। पुलिस ने छात्रावास के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की मदद से आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। आगे की जांच जारी है।
छात्रावास की हालत
नागपूर शहर में आदिवासी छात्रों के लिए 10 से अधिक छात्रावास बनाए गए हैं। इनमें गर्ल्स और बॉयज दोनों को लिए रहने की सुविधा की गई है। लेकिन इन छात्रावास में नाम मात्र ही सुविधा दी गई है। जिससे छात्रों को कई तरह की दिक्कत झेलनी पड़ रही है। इससे पहले भी छात्र लगातार इस बात की शिकायत करते आ रहे हैं। लेकिन सुधार के नाम पर कुछ दिन अधिकारी यहां की मॉनिटरिंग करते रहे हैं और फिर सब कुछ यूं ही चलने लगता है। यही वजह है कि छात्रों की परेशानी जस की तस है।