चतरा। झारखंड में मचे सत्ता के संग्राम, और सरकार गिराने की साजिशों, तथा आरोप-प्रत्यारोप की खबरों के बीच यह खबर आपका दिल जीत लेगी। राजनीति के इस कोलाहल से दूर, प्रदेश के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता अपने गांव में धान की खेती कर रहे हैं।
चतरा के मोकत्मा पंचायत स्थित अपने पैतृक गांव में वे अपने परिजनों के साथ मिलकर धान की खेती में हाथ बंटा रहे हैं। वे कभी हल-बैल पकड़कर कर धान के फसल के लिए खेत की जुताई कर उसे तैयार कर रहे हैं। तो कभी धान के तैयार बिचड़ा को एक खेत से दूसरे खेत में पहुंचा रहे हैं। इतना ही नहीं में धनरोपा में भी मदद कर रहे हैं। इस संबंध में उनका ट्वीट देखिए।
हर साल की भांति अपने पैतृक गांव कारी में अपने खेतों में धान रोपनी किये। कृषक परिवार से आने की वजह से बचपन से ही कृषि क्षेत्र में दिलचस्पी रही है और खेतों में कार्य करता आया हूँ। हर साल रोपनी के समय अपने पैतृक गांव पहुँच कर पहली रोपनी करता हूँ।@HemantSorenJMM @RJDforIndia pic.twitter.com/24mt3UADN7
— Satyanand Bhokta (@BhoktaSatyanand) August 2, 2021
श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने बताया कि वे हर वर्ष धान के फसल के समय अपने गांव आते हैं और खेती में हाथ बंटाते हैं। उन्होंने कहा कि गांव में आज भी जीविकोपार्जन का आधार खेती है। धान के उत्पादन में हमारा एक विशेष स्थान है। अपने काम में करने में हमें कोई शर्म और संकोच नहीं होना चाहिए।
श्रम मंत्री ने कहा कि किसानों को जागरुक करने का समय आ गया है। उन्हें अपने खेतों में एक फसल की जगह बहुफसलीय खेती के बारे में विचार करना चाहिए। धान के अलावा किसानों को धान के खेती के साथ साथ टमाटर, लौकी, कोहड़ा,मकई का भी खेती करनी चाहिए। इससे किसान आर्थिक रूप से भी सुदृढ़ होंगे। उन्होंने बताया कि किसानों को प्रशिक्षित करने की दिशा में पहल करेंगे। (दैनिक भास्कर के इनपुट के साथ)