रांची। भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) रांची द्वारा टाटा स्टील फाउंडेशन के सहयोग से, आगामी 26-27 अगस्त को दो दिवसीय आदिवासी सम्मेलन एवं आदिवासी फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस फिल्म महोत्सव का उद्देश्य आदिवासी सिनेमा के जरिए झारखंड की सांस्कृतिक पहचान, ज्ञान और विकास के परिप्रेक्ष्य में आदिवासी समुदायों की चुनौतियों को उजागर करते हुए एक मंच प्रदान करना है। इस संबंध में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में आईआईएम रांची के निदेशक प्रो दीपक कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पहली बार संस्थान की ओर से इस तरह का आयोजन किया जा रहा है।
इस महोत्सव में फिल्म स्क्रीनिंग, चर्चाएं और कहानी सत्र होंगे। पहले दिन 26 अगस्त को “सिनेमा और आदिवासियत” विषय पर चर्चा की जाएगी। जबकि, दूसरे दिन 27 अगस्त को आदिवासी धरोहर और सांस्कृतिक सहनशीलता पर ध्यान केंद्रित होगा। महोत्सव का उद्देश्य मानवता के लिए लाभकारी वार्तालाप को बढ़ावा देना है और आदिवासी समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और साहस का सम्मान करना है।
बीजू टोप्पो और मेघनाथ शामिल होंगे
प्रो श्रीवास्तव ने बताया कि फिल्मों के माध्यम से समुदाय के साथ आदिवासी फिल्म महोत्सव, झारखंड के आदिवासी समुदायों के बहुप्रतिभागी रंगों, उनकी मौलिकता और सहनशीलता जैसे पहलुओं को उभारेगा। दर्शकों को झारखंड की विविध आदिवासी समुदायों की कथाओं, समृद्ध संस्कृतियों और परंपराओं को जानने का अवसर मिलेगा। महोत्सव में चर्चित फिल्म निर्माता बीजू टोप्पो और मेघनाथ शामिल होंगे। इसमें फिल्म निर्माण के साथ आदिवासी समुदायों के सामने आनेवाले मुद्दों पर भी चर्चा होगी।
महोत्सव एक आदिवासी प्रार्थना के साथ शुरू होगा, जिसके बाद आईआईएम रांची, टीएसएफ, संवाद और समुदाय के साथ का परिचय होगा। फिल्म स्क्रीनिंग, फिल्म निर्माताओं के साथ चर्चा और कहानी सत्र आयोजित किए जाएंगे। महोत्सव का उद्देश्य सीमाओं के भीतर और उनके परे वार्तालाप के लिए एक माध्यम बनाना है, जो आदिवासी धरोहर और सांस्कृतिक सहनशीलता की गहरी समझ को बढ़ावा देता है। महोत्सव में आदिवासी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी होंगी, जो आदिवासी इतिहास की समृद्धि धरोहर को प्रस्तुत करेंगी।