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शहीदों के परिवारों की सेवा का मौका बहुत सौभाग्य से मिलता है: चंपई सोरेन

रांची। आज सुबह से झारखंड का सोशल मीडिया शहीद तेलंगा खड़िया के परिवार से जुड़ी खबरों से भरा हुआ था। दरअसल गुमला के अखबारों में आज खबर छपी थी कि शहीद के परपोते को अपने इलाज के लिए जमीन गिरवी रख कर 75 हजार रुपयों का इंतजाम करना पड़ा। लोग इसी को लेकर झारखंड सरकार को सवालों में घेर रहे थे, तथा कई ट्वीटों में सरकार की मंशा पर सवाल उठाये जा रहे थे।

सरकार की ओर से परिवहन व आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन सामने आए, और आलोचनाओं से बेपरवाह, उन्होंने गुमला के उपायुक्त को ट्वीट किया – “तात्कालिक तौर पर इन परिवारों को सामाजिक सुरक्षा और अन्य सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाये। शहीद की प्रतिमा की मरम्मत की जाये। अगर परिवार को चिकित्सा अथवा अन्य सहायता (पेंशन, आवास, शौचालय, पेयजल आदि) की जरूरत हो, तो सरकारी प्रावधानों के तहत उसकी यथाशीघ्र व्यवस्था करें।”

मंत्री चंपई सोरेन के ट्वीट के बाद पूरी सरकारी मशीनरी हरकत में आ गई। शहीद के परिजनों के घर पहुंच कर अधिकारियों ने उन्हें राहत सामग्री पहुंचाई, कुछ कागजातों की प्रक्रिया पूरी की, तत्पश्चात गुमला के उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा ने ट्वीटर पर जबाब लिखा – “महाशय, उक्त मामले को संज्ञान में लेते हुए शहीद तेलंगा खड़िया के परपोते की ईलाज की समुचित व्यवस्था व उसकी पत्नी को प्रधानमंत्री आवास, वृद्धावस्था पेंशन एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए DDC, BDO व सिविल सर्जन को निदेशित किया गया है।”

इस त्वरित कार्यवाही से खुश दिख रहे मंत्री ने उपायुक्त को धन्यवाद देते हुए उन्हें इस परिवार की महत्ता समझाई – “धन्यवाद @DCGumla महोदय, अधिकारियों से कहिए कि इस मामले की निजी स्तर पर मॉनिटरिंग करें। ऐसे वीर शहीदों के परिवार के लिए कुछ करने का मौका, बहुत सौभाग्य से मिलता है।”

मंत्री चंपई सोरेन की इस त्वरित कार्यवाही के बाद, सोशल मीडिया में उनकी प्रशंसा हो रही है। राज्य के ही एक और शहीद परिवार सिदो-कान्हू मुर्मू के वंशज मंडल मुर्मू ने भी ट्वीटर पर मंत्री को धन्यवाद दिया है। कई लोगों का कहना है कि सरकार हर किसी के घर जाकर अंदर की बात तो नहीं पता कर सकती, लेकिन मामले के सामने आने के बाद, त्वरित सहायता पहुंचाना, सरकार के सकारात्मक पक्ष को दिखाता है।

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