रांची। झामुमो ने सुनील तिवारी प्रकरण में अब पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी को निशाने पर लिया है। गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य में आदिवासी, दलित बेटियों का राजनीतिक दल समर्थित कुछ प्रभावशाली लोगों द्वारा ठगी करके शारीरिक, मानसिक शोषण किया जाना चिंतनीय है।
पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने 18 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके माना है कि सुनील तिवारी उनके सलाहकार हैं। उसके कडरू स्थित घर पर वे आना-जाना करते रहे हैं। यहां तक कि तिवारी के किचेन तक उनकी पहुंच रही है। ऐसे में अब बाबूलाल को चाहिये कि वे पुलिस को एक आदिवासी लड़की के साथ हुए अत्याचार की पूरी जानकारी दें। भाजपा भी अपना स्टैंड क्लियर करते हुए बताये कि अगड़ी जाति के एक नेता द्वारा एक आदिवासी, अल्पसंख्यक वर्ग की लड़की के साथ हुए अत्याचार के मामले में वह किसकी ओर है।
सुनील तिवारी का पार्टी कनेक्शन
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि एक आदिवासी लड़की के साथ हुए अत्याचार को भाजपा कबूल कर रही है। इस केस में सुनील तिवारी को वह अपना मान रही है। बाबूलाल मरांडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मामले को भटकाने की कोशिश की है। प्रदेश भाजपा यह बताये कि आखिर तिवारी किस हैसियत से पार्टी से जुड़े हुए हैं। सलाहकार का पार्टी में कौन सा पद होता है। उनकी सदस्य संख्या क्या है? क्या किसी का नेता का सलाहकार संबंधित पार्टी का स्वाभाविक रुप से प्रतिनिधित्व कर सकता है? इसे पार्टी क्लियर करे।
विदेश यात्रा का विवरण
बाबूलाल मरांडी को लेकर झामुमो को कई सारी चीजें याद आती हैं। थाईलैंड, बैंकॉक, पटाया, कोलकाता का इंपीरियल होटल, देवघर, दुमका, जमशेदपुर का गेस्ट हाउस जैसे कई भवन व इमारतें ध्यान आती हैं। बाबूलाल सार्वजनिक जीवन जीते हैं ऐसे में उन्हें अपने विदेशी सैर का ब्यौरा सार्वजनिक करना चाहिये। यात्राओं में उनके को-पैसेंजर कौन हुआ करता था, उसकी सूची भी उन्हें शेयर करनी चाहिये। इससे दूध का दूध, पानी का पानी हो जायेगा। बाबूलाल कानून की मदद करें। सुसंगत न्याय के लिये सुनील तिवारी मामले में पूरी सच्चाई पुलिस को दें।