रांची। झारखंड में #INDIA गठबंधन की सरकार ने विश्वास मत जीत लिया है। विधानसभा में हुए शक्ति परीक्षण में सत्ता पक्ष को 47 वोट मिले जबकि विपक्ष को मात्र 29 वोट मिल पाया। इस बड़ी जीत के बाद प्रदेश के राजनैतिक हलकों में ऑपरेशन लोटस के चारों खाने चित होने की चर्चा हो रही है।
आज विधानसभा में हफ्ते भर से जारी राजनैतिक उथल-पुथल के इस दौर में भाजपा नेता निशिकांत दुबे समेत अन्य के बयानों की इस वक्त हवा निकल गई, जब सत्ता पक्ष ने अपने 47 विधायकों के समर्थन के अपने दावे को फ्लोर टेस्ट में साबित कर दिखाया। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि विद्रोही तेवर दिखाने वाले लोबिन हेंब्रम एवं सीता सोरेन भी सरकार के साथ नजर आये।
विधानसभा के विशेष सत्र में सीएम चंपई सोरेन की ओर से विश्वास मत का प्रस्ताव सदन में पेश किया गया। 82 सदस्यीय विधानसभा में गांडेय विधानसभा सीट जेएमएम विधायक सरफराज अहमद के त्यागपत्र के कारण खाली है। जबकि जेएमएम रामदास सोरेन और बीजेपी के इंद्रजीत महतो विधानसभा नहीं पहुंच गए। घाटशिला के जेएमएम विधायक रामदास सोरेन किडनी की समस्या के कारण दिल्ली के अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं बीजेपी विधायक इंद्रजीत महतो लंबे समय से हैदराबाद के एक अस्पताल में इलाजरत हैं। विश्वास मत प्रस्ताव के पक्ष में 47 वोट प्राप्त हुए, जबकि विरोध में 29 मत मिले।
विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पेश करते हुए सीएम चंपई सोरेन ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर हेमंत सोरेन को फंसाने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि ईडी ने हेमंत सोरेन को उस मामले में गिरफ्तार किया है, जिसका कोई खाता-बही नहीं हैं। जबकि बीजेपी विधायक भानू प्रताप शाही का ईडी ने 7 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बाद पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने अपनी बातों को सदन में रखते हुए बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने 31 जनवरी की रात को काली रात बताते हुए कहा कि देश के लोकतांत्रिक इतिहास में एक काला अध्याय बन गया। उन्होंने कहा कि 31 जनवरी की रात को देश में पहली बार किसी सीएम या पूर्व सीएम या किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी राजभवन में हुई। हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी में राजभवन भी शामिल रहा है।