रांची। झारखंड में पारा शिक्षकों को बिहार राज्य की तर्ज पर स्थायी किया जाएगा। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के साथ पारा शिक्षकों, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। अब आकलन परीक्षा के आधार पर झारखंड में पारा शिक्षक स्थायी होंगे और उन्हें वेतनमान मिलेगा।
बैठक में तय हुआ कि बिहार के शिक्षा मित्र की तर्ज पर स्थायीकरण के लिए झारखंड के पारा शिक्षकों का आकलन किया जाएगा, जिसके लिए होनी वाली परीक्षा को सीमित आकलन परीक्षा कहा जाएगा। जो पारा शिक्षक इस परीक्षा को पास करेंगे, उन्हें स्थायी किया जाएगा। इसके लिए पारा शिक्षकों को तीन अवसर दिए जाएंगे।
इससे पहले विधि विभाग से शिक्षा विभाग ने सुझाव मांगा था। इसमें विधि विभाग की ओर से शिक्षक पात्रता परीक्षा लेने का सुझाव दिया गया था, जिसका पारा शिक्षकों ने विरोध जताया था। जिसके बाद शिक्षक पात्रता परीक्षा नहीं लेने का निर्णय लिया गया बल्कि बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी पारा शिक्षकों के स्थायीकरण व वेतनमान के लिए सीमित आकलन परीक्षा लेने का फैसला हुआ।
बैठक में हुए फैसले के मताबिक एक हफ्ते में नियमावली का प्रारूप तैयार होगा। पारा शिक्षकों के संघ को भी नियमावली का प्रारूप दिया जाएगा, अगर कोई आपत्ति या सुझाव हो, तो वे दर्ज करा सकते हैं। शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो के मुताबिक पारा शिक्षकों के लिए पैसे की कोई कमी नहीं होगी सरकार पारा शिक्षकों को लेकर पूरी तरह संवेदनशील है।
बता दें कि राज्य में 60 हजार से ज्यादा पारा शिक्षक हैं, और स्थायीकरण और वेतनमान को लेकर पारा शिक्षक समय-समय पर आंदोलन करते रहते हैं। ऐसे में राज्य के शिक्षा मंत्री और पारा शिक्षकों के प्रतिनिधियों के साथ इसी महीने हुई बैठक में बिहार की तर्ज पर आकलन परीक्षा लेकर पारा शिक्षकों को नियोजित करने पर सहमति बनी थी।