चाईबासा। अलग कोल्हान राष्ट्र का मांग करना गलत है, बल्कि कोल्हान को मिले विशेष अधिकार का अक्षरस: पालन होना चाहिए। रविवार को आदिवासी हो समाज केन्द्र कार्यालय भवन में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए बिहार सरकार के पूर्व डिप्टी स्पीकर देवेन्द्र नाथ चाम्पिया ने कही। बैठक में कहा गया कि कुछ स्वार्थी तत्व के लोग पैसा कमाने के उद्देश्य से कोल्हान को बदनाम कर रहे हैं। वे लोग पैसा कमाने का बेरोजगारों को माध्यम बना लिए हैं। जिसे रोकना होगा।
समाज के युवाओं से अपील है कि इन स्वार्थी तत्वों के बहकावे में ना आए एवं क्षेत्र में शांति बनाए रखें। रामो बिरूवा के अंधभक्तों ने पत्राचार के पावती रसीद को आधार बना कर लोगों को दिगभ्रित किया है। क्षेत्र के मानकी-मुंडा तत्पर रहे। क्षेत्र में हो रहे हर गतिविधि की जानकारी उच्च पदधारियों को अवश्य दें। प्रशासन का ग्रामीण स्तर पर समन्वय नहीं है। सिर्फ मानकी-मुंडा पर ही ठिकरा फोड़ा जा रहा है। रामो बिरूवा के अंधभक्तों के द्वारा पूर्व से लगातार पत्राचार किया जा रहा था। जिस पर प्रशासन का मौन रूप सरकार को खटगरे में खड़ा कर दिया है। प्रशासन भी दोषी है।
आदिवासी हो समाज के पूर्व महासचिव मुकेश बिरूवा ने कहा कि कोल्हान ईस्टेट का मौजूदा मामला भारत आजाद होने के बाद कहीं ठहर नहीं रहा है। युवाओं को बरगला जा रहा है।मानकी मुंडा के केन्द्रीय उपाध्यक्ष काली चरण बिरूवा ने कहा कि 23 जनवरी को घटना काफी निंदनीय है। नादान बेरोजगार युवा रोजगार पाने की लालसा में गलत प्रचार प्रसार का शिकार हुआ है। जिला प्रशासन, राज्य सरकार और केन्द्र सरकार को लगातार पत्राचार करते रहे, इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
बैठक में मानकी मुंडा संघ के केन्द्रीय पदाधिकारी, आदिवासी हो समाज महासभा,आदिवासी हो समाज युवा महासभा, सेवानिवृत संगठन, आदिवासी हो समाज महासभा के केन्द्रीय महासचिव यदूनाथ तियू,जोहार संगठन से रमेश जेराई, बामिया बारी, चक्रधरपुर के मानकी कुष्ण चन्द्र सामड, सेवानिवृत संगठन के सचिव बागुन बोदरा, समाज सेवी विनोद कुमार सवैंया, विजय सिंह मौजूद थे।