रांची। दो वर्षों बाद कोविड संक्रमण कम हाेने के बाद सरहुल को लेकर आदिवासी समाज उत्साहित है। समितियां सरहुल धूमधाम से मनाने को पूरी तैयार कर ली है। इसे लेकर उन्हें सरकार से भी कई छूट मिलने की उम्मीद थी, पर ऐसा नहीं हुआ।
सरकार ने शोभायात्रा निकालने की अनुमति तो दी पर कई पाबंदियों के साथ। जिसके अनुसार 1000 से अधिक व्यक्ति एक जगह जमा नहीं हो सकते, 100 से अदिक लोग शोभायात्रा में शामिल नहीं हे सकते, शाम 6 बजे के बाद शोभायात्रा समाप्त हो जाना चाहिए, डीजे सहित साउंड सिस्टम का उपयोग नहीं करने जैसी पांबदियां लगाई है।
इसका कई समितियों ने विरोध किया है। वे सरकार के इन गाइडलाइनों को लेकर नाखुश है। केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि राज्य प्रशासन ने सरहुल और रामनवमी शोभायात्रा पर जो नियम-शर्तें लगाईं है, हम उसका विरोध करते है।
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि दो वर्षों बाद पर्व मनाया जाएगा, इसमें सरकार को कुछ हिदायते देनी चाहिए। चडरी सरना समिति ने गाइडलाइन के अनुपालन पर असमर्थता जताई। गुड्डू पाहन, बबलू मुंडा और सबलू मुंडा ने कहा कि सरकार गाइडलाइन में संशोधन करे।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बोले- तुगलकी फरमान वापस नहीं हुए तो करेंगे आंदोलन
वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने राज्य सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा है कि कोरोना के कारण दो साल से जनता इन पर्वों को बड़े पैमाने पर मनाने से वंचित रही, इस वर्ष कोरोना संक्रमण थमने से जनता में अपूर्व उत्साह और उमंग है।
सरकार के ऐसे तुगलकी फरमान से जनता ऊब चुकी है। राज्य सरकार को लोक आस्था, संस्कृति, पर्व व त्योहारों पर फैसला लेने से पहले जनभावनाओं का ख्याल रखना चाहिए। सरकार पुनर्विचार नहीं करती है तो भाजपा सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी। (दैनिक भास्कर)