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मंत्री चंपई सोरेन के हस्तक्षेप के बाद एमपीएल प्रबंधन ने मजदूर के आश्रित को स्थायी नौकरी व मुआवजा दिया

धनबाद। निरसा एमपीएल के गेट पर मजदूर विजय किस्कू के शव को लेकर पिछले 5 दिनों से चल रहा धरना मंत्री चंपई सोरेन के हस्तक्षेप के बाद रविवार को समाप्त हो गया। झारखंड के परिवहन एवं आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन ने एमपीएल प्रबंधक से मिल कर मृतक विजय किस्कू के पुत्र को नौकरी और परिवार को 15 लाख रुपए का चेक दिलवाया। मंत्री ने मृतक के बेटे को अपने हाथों से नियुक्ति पत्र सौंपा।

कल देर शाम मंत्री ने कंपनी प्रबंधन को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए, इस मामले को सुलझाने को कहा था, जिसके बाद आज प्रबंधन झुका। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि विस्थापितों की मांग को मानना ही पड़ेगा। मंत्री ने जिला प्रशासन को एनपीएल को जमीन देने वाले सभी रैयतों एवं विस्थापितों की शिकायतों को गंभीरता से लेने का निर्देश दिया।

इस अवसर पर हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग और झामुमो कार्यकर्ता मौजूद थे। जिला प्रशासन के अधिकारियों (एसडीएम, लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी, निरसा सीओ और बीडीओ) की मौजूदगी में मंत्री चंपई सोरेन एमपीएल कंपनी के अंदर गए और मृतक के बेटे राजू किस्कू को नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा।

परिजनों को नियुक्ति पत्र और 15 लाख का चेक सौंपने के बाद मंत्री चंपई सोरेन ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि मृतक विजय किस्कू के शव को एंबुलेंस द्वारा ले जाकर, आदिवासी परंपरा के अनुसार, पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि एमपीएल प्रबंधन मृतक विजय किस्कू के अन्य तीन बच्चों की पढ़ाई का खर्च देगा। उसके बाद धरना समाप्त किया गया।

बीमारी से हुई थी विजय किस्कू की मौत
ज्ञात हो कि पिछले दिनों एमपीएल में इलेक्ट्रीशियन के पद पर कार्यरत विजय किस्कू की मौत गंभीर बीमारी से हो गई थी। उसके बाद परिजन मृतक विजय किस्कू के शव को लेकर मुआवजा और नियोजन की मांग को लेकर धरना पर बैठ गए। पिछले 5 दिनों से चल रहे धरने के समर्थन में कई राजनैतिक दल आये, लेकिन अंततः मंत्री चंपई सोरेन के हस्तक्षेप के बाद रविवार शाम धरना समाप्त हो पाया।

सरायकेला-खरसावां जिले के कद्दावर झामुमो नेता चंपई सोरेन ने अपने राजनैतिक सफर की शुरुआत एक मजदूर नेता के तौर पर की थी, और आज फिर एक बार, उन्होंने एक मजदूर के परिवार के लिए संघर्ष कर के साबित कर दिया कि झारखंड के मजदूरों, किसानों व गरीबों की समस्याओं के लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं। राज्य में “झारखंड टाइगर” के नाम से प्रसिद्ध चंपई सोरेन सोशल मीडिया पर भी खासे सक्रिय हैं और आम लोगों की मदद करते रहते हैं।

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