डूंगरपुर। राजस्थान में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजस्थान में आदिवासी समाज के नेताओं द्वारा एक नई पार्टी का गठन किया है। रविवार को डूंगरपुर जिले में आयोजित एक जनसभा में भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के गठन की घोषणा की गई, जिसमें लाखों लोग मौजूद थे।
राजनैतिक विश्लेषकों के अनुसार इस पार्टी का उदय दक्षिण राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के चुनावी गणित को बिगाड़ सकता है। आगामी चुनावों में यह पार्टी प्रदेश की सभी एसटी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है।
राजस्थान के डूंगरपुर जिले में कल भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के आगाज के विडियो में जहां तक देखिए, सिर्फ भीड़ ही भीड़ नजर आती है।
निश्चित तौर पर, आदिवासियों के नाम पर राजनीति करने वाले, राष्ट्रीय पार्टियों के कई नेताओं की, कल नींद उड़ गई होगी।#Rajasthan #BAP #Dungarpur pic.twitter.com/3oO5TgUObH
— Adiwasi.com (@AdiwasiVoice) September 11, 2023
इसके लॉन्चिंग डे पर गेंजी घाटा में आयोजित विशाल जनसभा में ना सिर्फ राजस्थान से, बल्कि मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ समेत कई अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुये। इस से पता चलता है कि भविष्य में यह पार्टी अन्य राज्यों में भी अपने संगठन का विस्तार करेगी।
इस पार्टी का नेतृत्व मुख्य रूप से चौरासी विधानसभा से विधायक राजकुमार रोत तथा सागवाड़ा विधानसभा से विधायक रामप्रसाद डिंडोर कर रहे हैं, जो पिछली बार भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) के टिकट पर चुने गए थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चौरासी विधायक राजकुमार रोत ने कहा की देश की आजादी के बाद से आदिवासियों को उनके हक-अधिकार नहीं मिले। कांग्रेस, भाजपा और दूसरी पार्टियों ने हमेशा आदिवासियों का शोषण किया है। इसलिए हम गुजरात से बीटीपी लेकर आए, लेकिन आज जरूरत आदिवासियों की अपनी पार्टी बनाने की हुई। इसलिए बीएपी का गठन किया गया। बीएपी इस साल राजस्थान और मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारेगी। इसके अलावा भविष्य में गुजरात, महाराष्ट्र में चुनाव लड़ेंगे।
राजकुमार रोत ने कहा कि बीएपी का गठन का मुख्य उद्देश्य राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों को मिलाकर भील प्रदेश बनाना है। इसके अलावा क्षेत्र में आदिवासियों के हक अधिकार दिलाने की मांग प्रमुख है।
इस पार्टी के लगभग सभी नेताओं ने कहा कि इस पार्टी में कोई हाईकमान नहीं है- अध्यक्ष या राष्ट्रीय कार्यकारणी सिर्फ एक औपचारिकता है। सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर तथा उम्मीदवारों को टिकट से जुड़े फैसले इलाके के लोग करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासियों के अलावा अन्य वर्गों के लोगों का भी पार्टी में स्वागत है।