छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह पिछले दो सप्ताह से लगातार विवादों में हैं। अब उन्होंने सरगुजा क्षेत्र के आदिवासी समाज को अंगूठा छाप बता दिया है। इसके बाद भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा और सर्व आदिवासी समाज ने विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दोनों संगठनों ने कांग्रेस विधायक से सार्वजनिक माफी की मांग की है। रामानुजगंज से विधायक बृहस्पत सिंह बिलासपुर में मीडिया से बात कर रहे थे।
विधायक बृहस्पत सिंह से स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर लगाए गए आरोपों को लेकर पत्रकार ने सवाल किया था। इसके बाद वह भड़क गए। कहा, ‘आप पत्रकार हैं, बुद्धिजीवी हैं, पढ़े-लिखे हैं। हमारे सरगुजा के अंगूठा छाप आदिवासियों की तरह प्रश्न पूछना उचित नहीं समझता हूं। मेरे काफिले पर हुए हमले के बाद FIR कराने, आरोप लगाने और सदन में आए बयान को सभी ने देखा-सुना है। ऐसे में यह प्रश्न मैं उचित नहीं समझता हूं। अगर आपको किसी ने सिखाकर भेजा है तो अपने दिमागी हालत थोड़ी ठीक कर लीजिए, फिर प्रश्न करिए।’
भाजपा नेता बोले- 48 घंटे में माफी नहीं मांगी तो प्रदेशव्यापी प्रदर्शन
बयान सामने आने के बाद प्रदेश में आदिवासियों को लेकर राजनीति गरमा गई है। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने कहा, बृहस्पत सिंह ने सरगुजा के आदिवासी समाज को अपमानित किया है। इस पर पूरे प्रदेश के आदिवासी समाज को कड़ी आपत्ति है। समाज उनकी इस भाषा से आहत महसूस कर रहा है। भाजपा नेताओं ने कहा, ’48 घंटे के अंदर यदि विधायक बृहस्पत सिंह ने आदिवासी समाज से सार्वजनिक माफी नहीं मांगी तो भाजपा अजजा मोर्चा पूरे सरगुजा संभाग में उनके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करेगा।’
खुद भी उसी समाज से आए विधायक
भाजपा अजजा मोर्चा के अध्यक्ष विकास मरकाम ने कहा, बृहस्पत सिंह जिस रामानुजगंज विधानसभा सीट से विधायक हैं, वो भी आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित सीट है। वहां सबसे अधिक मतदाता आदिवासी हैं। विधायक अपने अशोभनीय शब्दों से अपने मतदाताओं के विश्वास की हत्या कर रहें है। विधायक जैसे सम्माननीय पद पर बैठे व्यक्ति का इस प्रकार का बेतुका बयान आदिवासी समाज में स्थापित शांति – सौहाद्रपूर्ण वातावरण को बिगाड़ने की दिशा में उठाया गया आत्मघाती कदम है, जिसके जिम्मेदार स्वयं बृहस्पत सिंह होंगे।
बहिष्कार करेगा सर्व आदिवासी समाज
अम्बिकापुर सर्व आदिवासी समाज के संभागीय अध्यक्ष अनूप टोप्पो ने कहा, रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह समाज से सार्वजनिक माफी मांगे। खुद आदिवासी विधायक होकर आदिवासियों के प्रति इस प्रकार का बयान देना दुर्भाग्यपूर्ण। उन्होंने कहा, माफी नहीं मांगने पर आगामी विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त को संभाग के सभी जिले और ब्लॉक स्तर पर निंदा प्रस्ताव पारित किया जाएगा। समाज विधायक बृहस्पत सिंह के सभी कार्यक्रमों का बहिष्कार करेगा। रायपुर में हुई सर्व आदिवासी समाज की बैठक में भी विधायक के बयान की निंदा की गई। समाज के कार्यकारी अध्यक्ष बीएस रावटे ने बताया, समाज ने विधायक बृहस्पत सिंह को माफी मांगने को कहा है।
अम्बिकापुर में फुंके पुतले, एसपी से कहा- विधायक की दिमागी जांच कराओ
भाजपा कार्यकर्ताओं ने बृहस्पत सिंह के खिलाफ सरगुजा क्षेत्र में जगह-जगह प्रदर्शन शुरू कर दिया है। अम्बिकापुर में आज भाजपा ने प्रदर्शन कर बृहस्पत सिंह का पुतला जलाया। पुलिस ने पुतला छीनने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने। बाद में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष रामलखन सिंह पैकरा ने अम्बिकापुर एसपी को ज्ञापन सौंपकर बृहस्पत सिंह की दिमागी जांच कराने की मांग की है। भाजपा ने लिखा, अगर उनकी दिमागी हालत ठीक है तो समाज को परेशान करने वाले ऐसे बयानों के लिए विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने बताया, आदिवासी गौरव पर कुठाराघात
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री और सरगुजा सांसद रेणुका सिंह ने बृहस्पत सिंह के बयान को आदिवासी गौरव और अस्मिता पर कुठाराघात बताया है। इधर भाजपा सांसद रामविचार नेताम ने कहा, सरगुजा के सम्पूर्ण आदिवासी समाज को विधायक बृहस्पत सिंह द्वारा अंगूठा छाप आदिवासी कहा जाना घोर निंदनीय है। मुझे नहीं लगता कि कोई सच्चा आदिवासी उनके इस कथन से आक्रोशित नही होगा। स्वयं आदिवासी होकर सम्पूर्ण आदिवासी समाज के प्रति ऐसी दुर्भावना रखते है, इससे विधायक के विरुद्ध निंदा के शब्द भी शायद कम पड़ जाएंगे। नेताम ने कहा, मुझे नहीं मालुम था कि मेरे द्वारा विधायक को मानहानि की चेतावनी दिये जाने के बाद से उनका मानसिक संतुलन वास्तव में और बिगड़ जाएगा। यह तो वही बात हो गयी कि जिस चलनी में 36 छेद, वो क्या करेगा बात-विभेद।
लगातार रहे हैं विवादों में
बृहस्पत सिंह ने 24 जुलाई को आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव उनकी हत्या कराना चाहते हैं। इसके लिए उनके काफिले की गाड़ी पर हमला हुआ। इस आरोप के चलते ढाई दिन तक विधानसभा की कार्यवाही नहीं चली। तीसरे दिन बृहस्पत सिंह ने इस आरोप के लिए माफी मांग ली। इससे पहले उन्होंने भाजपा सांसद रामविचार नेताम और आईएएस अधिकारी एलेक्स पॉल मेनन पर जान से मारने की कोशिश का आरोप लगाया था। इसको लेकर भी काफी हंगामा हुआ।
सरगुजा आदिवासी क्षेत्र विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष हैं बृहस्पत
दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के करीबी नेताओं में शुमार बृहस्पत सिंह 2013 में पहली बार विधायक बने थे। जोगी ने अलग पार्टी बनाई तो इन्होंने जोगी का साथ छोड़ दिया। 2018 में दोबारा चुनाव जीते। कांग्रेस की सरकार बनी तो उन्हें सरगुजा आदिवासी क्षेत्र विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष भी बना दिया गया। वे विधानसभा में एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों के कल्याण के लिए बनी समिति के सभापति भी हैं। (साभार: भास्कर)