गालूडीह (पूर्वी सिंहभूम)। एक ओर सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा लेकर अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर नक्सल प्रभावित बाघुड़िया पंचायत के काशपानी गांव की रहने वाली गरीब आदिवासी छात्रा साकरो किस्कु को उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए दरबदर भटकना पड़ रहा है। दरअसल साकरो किस्कु घाटशिला प्रखंड के गालूडीह कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में पढ़ाई करने के लिए लालायित है, पर विद्यालय के उदासीन रवैये के कारण पिछले दो माह से अपने पिता दुखु किस्कु के साथ भटकना पड़ रहा है।
साकरो के पिता गरीब किसान है, आर्थिक संकट के कारण घाटशिला कॉलेज में बेटी का नामांकन नही कर पा रही, बेटी का पढ़ाई की इच्छा देखते हुए सरकार द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में 11वी में नामांकन करना चाहते है, पर विद्यालय प्रबंधन के उदासीन रवैये के कारण भटकने को मजबूर है।
75 सीटों में मात्र 58 का हुया नामांकन, 17 रिक्त
घाटशिला प्रखंड के गालूडीह क्षेत्र में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में ग्रामीण युवती के नामांकन के नाम पर मनमानी की जा रही है। विद्यालय में 11वीं में नामांकन के लिए 75 सीटें सुरक्षित हैं। वर्ष 2021-2022 के लिए मात्र 58 छात्राओं का नामांकन हुआ है, जबकि 17 सीटें खाली हैं। आगे की पढ़ाई करने की इच्छुक होने के बावजूद साकरो किस्कु को नामांकन के लिए भटकना पड़ रहा है।
साकरो का कहना है, गांव की बेटी हूँ, पढ़ाई कर कुछ बनना चाहती हूं, पर गरीबी पढ़ाई में बाधा बन रही है, इसलिये कस्तूरबा विद्यालय में 11वीं में नामांकन लेकर पढ़ाई करना चाहती हूँ। 17 सीटें खाली हैं, पर नामांकन के लिए भटकना पड़ रहा है। इस समंध में कस्तूरबा विद्यालय जिला प्रभारी बिंदु झा से संपर्क साधने के प्रयास किया गया, पर प्रभारी ने फोन नही रिसीव किया।
विद्यालय प्रभारी का आदेश लाओ, नामांकन पाओ: वार्डन
घाटशिला प्रखंड के गालूडीह स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के वार्डन रिंकी कुमारी ने बताया कि विद्यालय के 11वीं में 75 सीटें हैं। 58 छात्राओं का नामांकन किया गया, 17 सीटों पर नामांकन के लिए जिला स्तर से मना किया गया, इसलिए साकरो किस्कु का नामांकन नही लिया जा रहा है। विद्यालय प्रभारी बिंदु झा का आदेश होने पर ही नामांकन लिया जाएगा। इसलिए छात्रा को बोला गया है कि विद्यालय प्रभारी का आदेश लाओ, नामांकन पाओ। (न्यूज विंग)