रांची। आरपीएन सिंह के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस को झारखंड में एक और बड़ा झटका लगा है। सिसई विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायक और पिछली हेमंत सरकार में शिक्षा मंत्री की जिम्मेवारी संभाल चुकी गीताश्री उरांव ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
अपने ट्विटर अकाउंट पर उन्होंने लिखा है: “पहले ‘माटी’ फिर पार्टी! झारखंडी आदिवासी, मूलवासी एवं सदान के साथ भाषायी अतिक्रमण किसी भी क़ीमत पर बर्दाश्त नहीं। अंतिम जोहार INC.”
पहले ‘माटी’ फिर पार्टी! झारखंडी आदिवासी, मूलवासी एवं सदान के साथ भाषायी अतिक्रमण किसी भी क़ीमत पर बर्दाश्त नहीं। अंतिम जोहार INC @RahulGandhi @priyankagandhi @avinashpandeinc @drajoykumar @INCIndia @INCJharkhand @ndtvindia @htTweets pic.twitter.com/kwr91tVrBR
— Geetashree Oraon (@geetashreeoraon) January 29, 2022
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम लिखे पत्र में गीताश्री उरांव ने लिखा है कि वे भारी मन से पार्टी छोड़ रही हैं। गीताश्री के मुताबिक पार्टी में उनके पिता स्व. कांर्तिक उरांव के योगदान और आदिवासी समाज की लगातार उपेक्षा हो रही है और आदिवासियों की समस्याएं पार्टी फोरम में जगह नहीं पा रही है। उन्होंने कहा कि भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका, उर्दू, उड़िया और बंगला भाषा को झारखंडी भाषा का दर्जा देना मूल झारखंडियों का हक-अधिकार छीनने जैसा है।
आदिवासियों के अधिकारों की वकालत करने और बचाव करने की जो विरासत मुझे मिली थी, वह आज कांग्रेस पार्टी में नहीं रह गयी है। उन्होंने लिखा है कि उन्हें बेहद दुख और निराशा है कि झारखंड के स्थानीय लोगों के मुद्दों का हल करने में कांग्रेस पूरी तरह से विफल रही है।
उन्होंने लिखा है कि राज्य में तृतीय और चतुर्थ वर्गीय नौकरी और झारखंड के 13 जिलों में 5वीं अनुसूची का सही तरीके से पालन नहीं हो पा रहा है। तथाकथित ‘बाहरी’ लोगों द्वारा हमारे अधिकारों का अतिक्रमण किया जा रहा है। वहीं, रोजगार और शिक्षा में मूल भाषा को प्राथमिकता देने का समान प्रावधान पश्चिम बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर पूर्वी राज्यों और दक्षिण भारतीय राज्यों के अधिकांश राज्यों में सम्मानपूर्वक लागू किया जाता है। झारखंड कांग्रेस राज्य में भाषा विवाद और दुश्मनी को बढ़ावा दे रही है। इससे झारखंड के एक अलग राज्य के गठन के मूल कारण को कम किया जा रहा है। इतना होने के बाद भी कांग्रेस का राष्ट्रीय आलाकमान चुप है। ऐसे में अपने लोगों (आदिवासियों, सदानों और मूलवासियों) के लिए वे कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रही है।
ज्ञात हो कि गीताश्री उरांव के पिता कार्तिक उरांव झारखंड में कांग्रेस के कद्दावर नेता थे। वे इंदिरा गांधी के कैबिनेट में केन्द्रीय मंत्री रहे। उनकी मां सुमति उरांव राजीव गांधी कैबिनेट में मंत्री थी।
गीताश्री उरांव के पति पूर्व आईपीएस अफसर अरुण उरांव भी कांग्रेस से भाजपा में शिफ्ट हो चुके हैं।