नई दिल्ली। सहारा ग्रुप के निवेशकों को जल्द ही अपना फंसा हुआ पैसा वापस मिल सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने Sahara- SEBI Fund में जमा 24,000 करोड़ रुपयों में से 5,000 करोड़ रुपये अलॉट कर दिए हैं जिससे कि 1.10 करोड़ निवेशकों के पैसों का भुगतान किया जा सकेगा।
हाल में केंद्र सरकार ने निवेशकों के पैसों के भुगतान के लिए 5,000 करोड़ रुपये अलॉट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से दरख्वास्त किया था। गौरतलब है कि केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के पिनाक पाणि मोहंती द्वारा एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें कई चिटफंड कंपनियों और सहारा क्रेडिट फर्मों में निवेश करने वाले जमाकर्ताओं को राशि का भूगतान करने के निर्देश देने की मांग की गई थी।
न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि सहारा समूह की सहकारी समितियों द्वारा ठगे गए जमाकर्ताओं के बीच इस राशि का वितरण किया जाना चाहिए। इसमें कहा गया कि इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी शीर्ष अदालत के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी करेंगे।
ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से अगस्त 2012 में सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) को निवेशकों का पैसा लौटाने का निर्देश देने के बाद सेबी सहारा-सहारा सेबी एसक्रो अकाउंट खोले गए थे जिसमें सहारा समूह की ओर से पैसे जमा करवाए गए थे। केंद्र सरकार ने उसी खाते से राशि जारी करने की सु्प्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी।
सहारा फर्मों के खिलाफ CBI जांच की भी थी मांग
इस जनहित याचिका में सहारा फर्मों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की मांग भी की गई थी और चिट-फंड कंपनियों के खिलाफ मामले की जांच के दौरान एजेंसी द्वारा अब तक जब्त की गई राशि की मांग की गई थी, जिसका उपयोग निवेशकों को वापस देने के लिए किया जाए।
दरअसल सहारा समूह की कंपनियों में देश भर के लाखों लोगों ने निवेश कर रखा है। उन्होंने अपने जीवनभर की गाढ़ी कमाई सुरक्षित और बेहतर रिटर्न के भरोसे पर कंपनी को सुपुर्द कर दी लेकिन अब वे पैसे फंसे हुए हैं। अदालतों और कार्यालयों को चक्कर लगा-लगाकर थक चुके लाखों निवेशक अब मायूस हो चुके हैं।
दूसरी तरफ, सहारा ने बाजार नियामक सेबी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि वो अपने निवेशकों के पैसे लौटाना चाहती है लेकिन सेबी ने उसके सारे पैसे अपने पास रख लिए हैं। सहारा और सेबी के इस आरोप-प्रत्यारोप के मध्य आम निवेशक पिस रहे थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले ने पैसे वापस मिलने की उम्मीद को फिर से जिन्दा कर दिया है।