रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई झारखंड कैबिनेट की बैठक में नयी संशोधित नियोजन नीति को मंजूरी दी गई। इस नई नीति में, हाई कोर्ट के निर्देशानुसार सरकारी नौकरियों में झारखंड से ही मैट्रिक और इंटर पास होने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। साथ ही, अब स्थानीय रीति रिवाज और परंपरा को भी जानना जरूरी नहीं है।
हिंदी और संस्कृत को जोड़ा गया
इसके साथ ही, झारखंड कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा के लिए इंटर (टेन प्लस टू) के संचालन नियमावली में संशोधन किया गया है। इसमें क्षेत्रीय भाषाओं के अतिरिक्त हिन्दी, अंग्रेजी और संस्कृत को भी जोड़ा गया है। यह सारे नियम एवं संसोधन झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में लागू होंगे। ज्ञात हो कि झारखंड हाइकोर्ट के आदेश के बाद नियमावली में बदलाव किया गया है।
यहाँ यह जानना जरूरी है कि रघुवर सरकार की 2016 के समय की 13 जिला और 11 जिलों की नियोजन नीति को सुप्रीम कोर्ट रद्द कर चुका है। वहीं, हेमंत सरकार की नियोजन नीति 2021 को झारखंड हाई कोर्ट रद्द कर चुका है।
स्थानीय रीति-रिवाज, परंपरा की जानकारी की शर्त भी हटेगी
हेमंत सरकार की 2021 की नीति में क्षेत्रीय भाषा के पत्र के रूप में हिन्दी, इंग्लिश व संस्कृत को मान्यता नहीं दी गई थी, लेकिन इस बार इसे क्षेत्रीय भाषा के वैकल्पिक पत्र के रूप में रखा जाएगा। परीक्षाओं में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने के लिए स्थानीय रीति-रिवाज, परंपरा की जानकारी की शर्त भी हटेगी। इसके तहत पदों में 60:40% आरक्षण का पालन होगा, जिसमे 60% आरक्षण में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग शामिल रहेंगे।
राज्य सरकार ने इस नई नियोजन नीति लागू कर इस वर्ष पहले चरण में कम से कम 30 हजार नियुक्तियां करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। राज्य सरकार की नई नियोजन नीति का प्रस्ताव वर्ष 2016 के पूर्व लागू नियोजन नीति के आधार पर तैयार किया गया है।
मैट्रिक औऱ इंटर टॉपर को 3 लाख मिलेंगे
कैबिनेट की बैठक के बाद सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि झारखंड से मैट्रिक और इंटर परीक्षा के फर्स्ट आने वाले विद्यार्थियों को 3 लाख, दूसरे स्थान पर आने वाले को 2 लाख और थर्ड टॉपर को एक लाख प्रोत्साहन राशि दी जायेगी, तथा उन्हें मोबाइल और लैपटॉप दिया जायेगा।
खिलाड़ियों को प्रोत्साहन
इसके अलावा, ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को अब दो करोड़ की जगह 5 करोड़ मिलेगा। इसी तरह अन्य पदक के लिए भी अलग-अलग राशि का प्रावधान किया गया है। आज हुई कैबिनेट की बैठ में कुल 37 प्रस्ताव पारित किये गये।