मणिपुर। मणिपुर में 3 मई से जारी हिंसा में अब तक 80 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच ओलिंपिक पदक विजेता मीराबाई चानू सहित मणिपुर की 11 खेल हस्तियों ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है।
इन लोगों ने अमित शाह से राज्य में जल्द शांति बहाल करने की मांग की है। इन्होंने कहा है कि अगर स्थिति सामान्य नहीं हुई तो वे अपने अवॉर्ड और मेडल लौटा देंगे।
लेटर पर दस्तखत करने वालों में मीराबाई चानू, पद्म पुरस्कार विजेता वेटलिफ्टर कुंजारानी देवी, पूर्व भारतीय महिला फुटबॉल टीम की कप्तान बेम बेम देवी और मुक्केबाज एल सरिता देवी शामिल हैं।
इधर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को पुणे में कहा कि मणिपुर में हालात सामान्य होने में थोड़ा वक्त लगेगा। जनरल चौहान ने कहा- राज्य में हिंसा दो जातियों के बीच संघर्ष का परिणाम है। इसका उग्रवाद से कोई लेना-देना नहीं है। यह कानून-व्यवस्था का मामला है। हम राज्य सरकार की मदद कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि 28 मई को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बताया था कि राज्य में हिंसा शुरू होने के बाद पुलिस एनकाउंटर में 40 लोग मारे गए हैं। CM ने इन्हें मिलिटेंट बताया था।
1 जून तक अमित शाह इंफाल में
गृह मंत्री अमित शाह 29 मई को मणिपुर की राजधानी इंफाल पहुंचे। वे यहां 1 जून तक रहेंगे। देर रात उन्होंने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मीटिंग की। इस बैठक में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और इंटेलिजेंस ब्यूरो के चीफ तपन डेका मौजूद थे।
शाह ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की है। उन्होंने राज्य में राशन और तेल जैसी जरूरी चीजों की सप्लाई को बेहतर करने के निर्देश दिए हैं।
इससे पहले मणिपुर सरकार ने राज्य में हिंसा को लेकर फेक न्यूज फैलाने वालों पर राजद्रोह का केस दर्ज करने का आदेश दिया है।
कांग्रेस डेलिगेशन राष्ट्रपति से मिला
मणिपुर हिंसा को लेकर कांग्रेस पार्टी का डेलिगेशन मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिला। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में पार्टी नेताओं के डेलिगेशन ने राष्ट्रपति से मुलाकात की है। नेताओं ने राष्ट्रपति से मणिपुर हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के जज की अध्यक्षता में एक हाई लेवल इन्क्वायरी कमेटी बनाने की मांग की है।
जयराम ने कहा- “22 साल पहले भी मणिपुर जल रहा था। तब प्रधानमंत्री अटल जी थे। आज फिर से मणिपुर जल रहा है, अब PM नरेंद्र मोदी हैं। इसका कारण BJP की विभाजनकारी व ध्रुवीकरण की राजनीति है। मणिपुर जल रहा था, लेकिन PM और गृहमंत्री कर्नाटक चुनाव में व्यस्त थे।”
अब तक 80 लोगों की जान गई
अमित शाह के दौरे से एक दिन पहले रविवार को भी मणिपुर के कुछ इलाकों में हिंसा हुई थी। राजधानी इंफाल से लगे सेरौ और सुगनू इलाके में हिंसक झड़प हुई। इसमें 1 पुलिसकर्मी समेत 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 घायल हुए हैं। राज्य में हिंसा के चलते अब तक करीब 80 लोगों की जान गई है।
सेना ने 2,000 ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला
ताजा हिंसा के बाद सेना और असम राइफल्स ने 28 मई को एक बड़ा रेस्क्यू अभियान चलाया। जिसमें कुकी जनजाति और मेइती समुदाय के ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद की।
सेना और अर्धसैनिक बलों ने पुलिस, राज्य प्रशासन और नागरिक समाज संगठनों के साथ मिलकर सेरो से मैतेई समुदाय के लगभग 2,000 ग्रामीणों को निकाला और उन्हें पंगलताबी राहत शिविर ले गए। इसी तरह कुकी जनजाति के लगभग 328 ग्रामीणों को सुरक्षित रूप से सुगनू से साजिक तंपक पहुंचाया गया।
इंटरनेट बैन, 40 हजार लोग पलायन कर चुके
मणिपुर में कुकी जनजाति के लोग मैतेई समुदाय को ST का दर्जा देने के खिलाफ 3 मई से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बाद राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ती गई। केंद्र सरकार को राज्य में सेना और अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा। कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया, जो अब तक जारी है। 31 मई तक इंटरनेट भी बैन कर दिया गया है। अब तक 40 हजार लोग पलायन कर चुके हैं।