डुमरिया। झारखंड के आदिवासी कल्याण एवं परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने कांटाशोल में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की आधारशिला रखने के बाद कहा कि शिक्षा के बिना समाज के विकास की कल्पना करना व्यर्थ है। हेमंत सोरेन सरकार आदिवासियों के विकास के प्रति सजग एवं संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक व्यवस्था के अनुसार आदिवासी गांवों में जमीन पर बैठकी होती है, परंतु अब हर गांव में माझी भवन का निर्माण कराया जाएगा। हर गांव में 5 लाख रुपये की लागत से धार्मिक स्थल गोसांड़े का निर्माण होगा।
उन्होंने कहा कि हम लोग खाली पैर स्कूल जाते थे और बोरा बिछा कर उस पर बैठकर पढ़ते थे। आज हम गर्व महसूस कर रहे हैं कि मेरे हस्ताक्षर से राज्य के छह बच्चे पढ़ने के लिए विदेश जा रहे हैं। मंत्री ने हेमंत सोरेन सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि अब निजी कंपनी में 75 फीसद स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता मिलेगी। अवसर नहीं देने वाले कंपनी पर 5 लाख का जुर्माना लगेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निश्चित आयु वालों को वृद्धावस्था पेंशन देगी। मंत्री ने यह भी कहा कि आदिवासी गांवों के जाहेरथान की घेराबंदी होगी। वहां पाइपलाइन से पेयजल व विद्युतीकरण किया जाएगा।
डुमरिया प्रखंड मे सबसे ज्यादा हुआ विकास का कार्य: विधायक
विधायक संजीव सरदार ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोरोना काल में अपने मजदूर भाइयों की घर वापसी के लिए हवाई जहाज व ट्रेनें चलवा कर इतिहास रच दिया। यह हेमंत सोरेन एवं चंपई सोरेन की बदौलत हुआ। सरकार की उपलब्धि है कि मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा के नाम से बनी योजना के तहत राज्य के आदिवासी बच्चों को पढ़ने के लिए विदेश भेजा जा रहा है। सरकार स्कूल में पढ़ने वाले सभी स्कूली छात्रों को साइकिल देने का काम रही है। विधायक ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान डुमरिया प्रखंड में सबसे अधिक विकास का कार्य हुआ है। कल्याण विभाग ने बीस जाहेरथान की चारदीवारी निर्माण का कार्य स्वीकृत किया है। (जागरण)