Connect with us

Hi, what are you looking for?

Adiwasi.com

Exclusive

सोशल मीडिया पर श्रेय लेने की होड़

रांची। झारखंड में सोशल मीडिया, विशेष कर के ट्विटर, बहुत ही तेजी से जनसेवा का एक प्लैटफार्म बन कर सामने आया है, और यह शायद देश का अकेला राज्य होगा, जहां मुख्यमंत्री, कई मंत्री, विधायक तथा कई अधिकारी भी ना सिर्फ ट्विटर पर आम जनता की शिकायतें सुनते हैं, बल्कि उसका समाधान भी करते हैं। इसी कड़ी में कुछ विपक्षी दलों के नेता भी हैं, जो ट्विटर पर खासे ऐक्टिव रहे हैं, और जनता को सहायता पहुँचाने का प्रयास करते हैं।

इसमें से कई लोग इसे निःस्वार्थ भाव से करते हैं, तो कुछ ऐसे भी हैं, जो हर ऐसी सेवा को विभिन्न अखबारों तथा न्यूज पोर्टलों में छपवा कर, उसका श्रेय लेते हैं। इसमें कुछ भी गलत नहीं है, क्योंकि नेता तथा समाजसेवी इसके जरिए अपनी छवि बनवाते हैं। लेकिन, दिक्कत तब होती है, जब काम एक टीम के ट्वीट पर होता है, और क्रेडिट लेने की कोशिश दूसरी टीम करती है।

ऐसा ही एक विवाद कल सामने आया, जब माली स्थित भारतीय राजदूतावास ने वहाँ फँसे मजदूरों को लेकर झारखंड के परिवहन एवं आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन के ट्वीट पर जबाब लिखते हुए (13.39 PM) उन्हें मजदूरों के कुशलता की जानकारी दी, तथा यह बताया कि वे विवाद का हल निकालने का प्रयास कर रहे हैं। इसके ठीक 17 मिनट बाद (13.56 PM), एम्बेसी ने उसी जबाब को कॉपी/पेस्ट कर के भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी को भेज दिया।

मंत्री ने ट्विटर पर एम्बेसी को धन्यवाद दे कर, इस बात की उम्मीद जताई कि जल्द ही उन मजदूरों की सुरक्षित घर-वापसी होगी। वहीं दूसरी ओर, कुणाल षाडंगी की टीम ने कई खबरिया पोर्टलों पर यह खबर लिखवा दिया कि – “उनके हस्तक्षेप के बाद ही यह संभव हो पाया है।” जब विवाद बढ़ा, तो उनके समर्थकों ने “उनकी पार्टी की केंद्र में सरकार है” कह कर बचाव करने की कोशिश की।

वास्तविकता यह है कि झारखंड के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता तथा राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष एक दिन पहले से ही, उन मजदूरों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रयत्नशील हैं, और मजदूरों तथा विभिन्न विभागों के साथ उनकी वार्ता भी चल रही है। कोरोना काल से सक्रिय इस नियंत्रण कक्ष ने, देश-विदेश के हजारों मजदूरों को हवाई, रेल व सड़क मार्ग से वापस झारखंड में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

मंत्री चंपई सोरेन की पहल पर पहले भी विदेश मंत्रालय ने कई मजदूरों की वापसी का इंतजाम किया है, जिसमें अप्रैल 2021 का एक मामला खासा चर्चित रहा था, जिसमें राज्य से भाजपा के राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने ट्विटर पर राज्य और केंद्र सरकार के बेहतरीन समन्वय के लिए दोनों पक्षों को धन्यवाद भी दिया था। उस पर मंत्री चंपई सोरेन ने झारखंड की जनता के हितों के लिए हर स्तर पर सहयोग की बात कही थी।

जमशेदपुर एक अखबार के संपादक से जब हमने इस विषय में बात की, तो उन्होंने कहा कि यह गलती पहली बार नहीं हुई है, और नेताओं को श्रेय लेने की इस दौड़ में, दूसरों के श्रेय छीनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

इस विषय में बात करने पर मंत्री चंपई सोरेन की टीम ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब श्रेय लेने की होड़ में, नैतिकता की लक्ष्मण रेखा लांघी गई है। ऐसा ही एक मामला 16 दिसम्बर 2021 को भी सामने आया था, जब एक बच्चे की खराब हालत को देखते हुए मंत्री की टीम ने, त्वरित सहयोग कर के, उसका राशन कार्ड बनवा कर दूसरी टीम को भेजा था, और उसके 20 मिनट बाद उसका श्रेय लेते हुए लिखा गया था: “– — की पहल पर मात्र चार घंटों में बना राशन कार्ड।” जबकि कुछ मिनटों पहले WhatsApp पर उनकी टीम की प्रतिक्रिया थी – “वाह, बन गया।” कुछ मिनटों बाद पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त ने मंत्री को ट्विटर पर जबाब लिख कर स्थिति स्पष्ट कर दी।

आदिवासी डॉट कॉम जनता के लिए में उठती हर आवाज का समर्थन करता है, और हमारा स्पष्ट तौर पर मानना है कि ऐसे मामलों में राजनीति नहीं होनी चाहिए। लेकिन, अगर पीआर टीमें थोड़ी सतर्कता बरतें, तो ऐसे टकराव के हालात टाले जा सकते हैं। साथ ही, हम मीडिया से भी अनुरोध करेंगे कि वे प्रेस रिलीज को खबर बनाने की जगह, अपनी जिम्मेदारी को समझें, और कुछ भी छापने से पहले तथ्यों की जानकारी ले लें।

Share this Story...

You May Also Like

Jharkhand

धनबाद। निरसा एमपीएल के गेट पर मजदूर विजय किस्कू के शव को लेकर पिछले 5 दिनों से चल रहा धरना मंत्री चंपई सोरेन के...

Jharkhand

जमशेदपुर। पद्मश्री छुटनी महतो को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। पिछले दिनों, स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतों के बाद, आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन की...

Jharkhand

कुमारधुबी (धनबाद)। झारखंड के परिवहन एवं आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन ने शनिवार को कुमारधुबी में रेलवे व राज्य सरकार के सहयोग से 37.81...

Jharkhand

जमशेदपुर। झारखंड सरकार की तत्परता ने टुना सबर को मौत के मुँह से खींच निकाला। 38 दिन पहले जिस टुना सबर को मरणासन्न हालत...

error: Content is protected !!