धनबाद। झारखण्ड सरकार द्वारा भोजपुरी, अंगिका और मगही भाषाओं को धनबाद और बोकारो जिले में नियुक्ति में शामिल करने के फैसले का चौतरफा विरोध हो रहा है। झामुमो के कुछ विधायक भी इस फैसले को लेकर विरोध जता चुके हैं। वहीं सरकार के इस फैसले के विरोध में शुक्रवार को आजसू पार्टी द्वारा जिले के राजगंज में महारैली निकाली गयी। इस दौरान एनएच-2 पर परिचालन पूर्ण रूप से बाधित हो गया।
गिरिडीह सांसद के प्रतिनिधि गिरधारी महतो द्वारा महारैली में आदिवासी महिलाओं को धोती,साड़ी, कम्बल का लाभ देने की बात कहकर बुलाया गया था। महारैली के दौरान जब आजसू पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन करने की कोशिश की, तो रैली में शामिल सैकड़ों आदिवासी महिलाओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया। देखते ही देखते महिलाएं उग्र हो गईं. और आजसू के बैनर को नष्ट कर दिया। आदिवासी महिलायें आजसू कार्यकर्ताओं से भिड़ गईं। दोनों तरफ से जमकर नोकझोंक हुई। मौके पर स्थिति तनावपूर्ण बन गया।
सूचना पाकर राजगंज थाने की पुलिस मौके पर पहुंचकर स्थिति नियंत्रण करने का प्रयास किया। किसी तरह पुलिस ने आदिवासी महिलाओं को समझा बुझाकर शांत कराया। इस दौरान नेशनल हाइवे-2 पर वाहनों की लंबी कतार लग गयी। आखिरकार आदिवासी महिलाओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला जलाने नहीं दिया।
आदिवासी महिलाओं ने कहा कि उनलोगों को ये कहकर सांसद प्रतिनिधि ने बुलाया था कि धोती, साड़ी, कम्बल का लाभ दिया जाएगा। लेकिन रैली में शामिल होने पर मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी करवाया गया। उसके बाद मुख्यमंत्री का पुतला दहन करने को कहा गया, जिसका उनलोगों ने विरोध किया।