जमशेदपुर। वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत आवास निर्माण में पूर्वी सिंहभूम जिला देश भर में पांचवें पायदान पर था, और पिछले साल यह 13वें स्थान पर था, तो फिर ऐसा क्या हुआ कि इस साल ग्रामीण क्षेत्रों में, जिले में इस योजना के तहत बनने वाले आवासों की संख्या नगण्य हो गई?
हमने इस संबंध में जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की, तो मामले की परतें खुलना शुरू हुईं। दरअसल, इस वर्ष जिले को आवास प्लस के तहत, तकरीबन 1.08 लाख पीएम आवास मिलने की उम्मीद थी। प्रशासन ने इसी हिसाब से पूरी तैयारी भी कर रखी थी, लेकिन दिल्ली में बैठी केन्द्रीय टीम ने सिर्फ 94 हजार आवासों की मंजूरी दी। लेकिन, इसके बाद जो हुआ, उसने वास्तविक लाभुकों की संख्या को 15 हजार से नीचे ला दिया।
दरअसल, पीएम आवास के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरह से आवेदन लिए जाते हैं। ऑनलाइन आवेदनों में बाकायदा लाभुक के जमीन की जियो-टैगिंग की जाती है, ताकि सरकार को बनने जा रहे घरों के स्थान के बारे में पता रहे। जबकि ऑफलाइन आवेदनों की जियो-टैगिंग व ऑनलाइन एंट्री बाद में, जिला प्रशासन द्वारा की जाती है।
इस साल जिले में करीब 15 हजार लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किया, जबकि करीब 79 हजार लोगों ने ऑफलाइन आवेदन दिया। इस से पहले, हर साल, ऑफलाइन आवेदन भी आसानी से स्वीकार कर लिए जाते थे, लेकिन इस साल, बिना किसी पूर्व सूचना के, पीएम आवास की केन्द्रीय टीम द्वारा, सिर्फ ऑनलाइन आवेदनों को स्वीकार किया गया, जिसकी वजह से 94 हजार की जगह मात्र 15 हजार लोगों को इस योजना का लाभ मिल पाया।
बिना किसी पूर्व सूचना के, इतनी बड़ी संख्या में लाभुकों के आवेदन अस्वीकृत होने से हैरान जिला प्रशासन ने, उच्चाधिकारियों से सम्पर्क साधा, लेकिन कोरे आश्वासनों के अलावा, अभी तक कुछ भी नहीं मिला। फिलहाल, जिला प्रशासन, इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से पत्राचार कर रहा है। वहीं, स्थानीय सांसद विद्युत वरण महतो इस विषय को लेकर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह से मिल चुके हैं। इसके अलावा, सांसद इस मुद्दे को संसद में भी उठाने की तैयारी में हैं।
जिला प्रशासन को उम्मीद है कि जल्द ही इस मुद्दे का कोई समाधान निकलेगा, और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बाकी 79 हजार लोगों को पक्के आवास का लाभ मिलेगा, लेकिन चूँकि यह मामला केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है, तो तब तक, इन सभी आवेदकों को इंतजार करना पड़ेगा।