रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार जनजातियों के विकास के लिए 1320 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजेगी। यह निर्णय मुख्य सचिव अमिताभ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई अनुसूचित जनजाति उपयोजना के क्रियान्वयन के लिए गठित कार्यकारिणी समिति की वर्चुअल बैठक में लिया गया। इस राशि से जनजातियों के विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, कृषि, सड़क, संपर्क, वनाधिकार मान्यता पत्रों के वितरण जैसे काम शामिल हैं।
बैठक में राज्य की पिछड़ी जनजातियों और अन्य आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों के संबंध में विस्तृत रूप से चर्चा हुई। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास की संचालक शम्मी आबिदी ने बताया, जनजातियों के विकास के लिए इस वर्ष 33 नए एकलव्य स्कूल की स्थापना होगी। विद्यार्थियों के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे और नए कम्प्यूटर लैब की सुविधाएं दी जाएगी। आजीविका केन्द्रों में शेड निर्माण, पशुधन केन्द्र, खाद्य प्रसंस्करण इकाई, लाख उत्पादन के निर्माण का कार्य शुरू कराया जाएगा।
स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए ट्रांजिस्ट हॉस्टल का निर्माण, प्री-बर्थ वेटिंग रूम, मॉलीक्यूलर वायरोलॉजी लैब निर्माण, पहुंच विहीन क्षेत्र में एंबुलेंस की सुविधा, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ब्लड बैंक की स्थापना, मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला, बाजरा प्रसंस्करण इकाई के निर्माण के कार्य प्रस्ताव में शामिल किए गए है। इसी तरह नए सीसी रोड, पुलिया निर्माण को कार्य भी कराए जाएंगे। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत एकीकृत आदिवासी ग्राम विकास योजना के क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार और राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं के समन्वय के माध्यम से विकास कार्यों के संचालन के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई। बैठक में सचिव आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति डीडी सिंह सहित अन्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
महिलाओं पर भी विशेष फोकस
बैठक में बताया गया, विशेष प्रस्ताव के अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों में तीन साल तक के बच्चों को मुनगा-सोयाबड़ी वितरित करने, कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए फुलवारी योजना, नियमित पूरक पोषण आहार के वितरण को शामिल किया गया है।