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छत्तीसगढ़ की 50 सीटों पर चुनाव लड़ेगा सर्व आदिवासी समाज

जगदलपुर। सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ ने प्रदेश की 50 विधान सभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद नेताम ने शुक्रवार को जगदलपुर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि वे “हमर राज पार्टी” के बैनर तले आदिवासी सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारेंगे।

अरविंद नेताम ने बताया कि पेसा कानून सहित सर्व आदिवासी समाज के मुद्दों में 23 सूत्रीय मांग लगातार की गई, लेकिन प्रदेश के मुखिया ने कभी भी हमें बुलाकर बात नहीं किया। दशकों के बाद पेशा कानून लागू किया गया, पर ग्राम सभा का अधिकार छीन कर इसे कमजोर कर दिया गया और कलेक्टर के परामर्श पर निर्भर कर दिया।

सरकार की मंशा आदिवासियों के हितों को लेकर स्पष्ट नहीं है। यही नहीं बस्तर, सरगुजा में स्थानीय भर्ती को बंद कर दिया गया है, जिसके चलते स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। ऐसे कई मुद्दे हैं, जिन पर सरकार जवाब देने से बच रही है।

इन परिस्थितियों को देखते हुए सर्व आदिवासी समाज ने अपने हितों की लड़ाई के लिए अब राजनीति में आने का निर्णय लिया है। जिसमें प्रदेश की 50 विधान सभा सीट में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। जिसमें सरगुजा की 10 सीट और बस्तर की सभी आदिवासी सीट शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की 29 आदिवासी सीटों और अन्य 21 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी पूरी हो गई है।

एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि हम किसी गठबंधन के पक्ष नहीं है, यदि कोई निर्दलीय पार्टी के साथ जुड़ना चाहेगा, तो विचार किया जाएगा। साथ ही पार्टी की विचारधारा और आदिवासियों के हित चिंता करने वाला ओबीसी और जनरल प्रत्याशी है, तो उसे भी पार्टी मौका देगी। इस दौरान सर्व आदिवासी समाज के विनोद नागवंशी, बीएस रावटे और बलराम सहित अन्य मौजूद थे।

दो ग्रामीणों की मौत पर उठाए सवाल !
अरविंद नेताम ने हाल ही में ताड़मेटला में दो ग्रामीणों की मौत पर सवाल उठाते हुए इसे फर्जी एनकाउंटर बताया है। उन्होंने कहा कि सर्चिंग के दौरान पुलिस उन्हें साथ ले गई थी। शव को परिवार को सौंपा भी नहीं गया। अंतिम क्रिया कर्म भी पुलिस ने ही कर दिया। शव को डीजल डालकर जलाया गया और वीडियोग्राफी भी नहीं की गई। उन्होंने कहा कि बस्तर में प्रजातंत्र चलेगा ना कि पुलिस तंत्र, हम इसे चुनावी मुद्दा बनाएंगे। सप्ताह भर में हमारी पार्टी एक दल गठित कर उक्त मामले की जांच करेगी और मृतकों के परिवार से मिलेगी।

पिछले महीने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था
पिछले महीने अरविंद नेताम ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा था कि- “पांच साल पहले तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी के आह्वान पर कांग्रेस में वापस आकर अपने अनुभव से पार्टी को मजबूती प्रदान करने का हमेशा प्रयास किया, लेकिन प्रदेश नेतृत्व के असहयोग भरे रवैये के कारण मुझे निराशा हुई।”

नेताम ने आगे लिखा था – “प्रदेश नेतृत्व ने राज्य में ना सिर्फ आदिवासी समाज के लिए बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के दिए गए संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ काम किया है, बल्कि पेसा कानून 1996 में आदिवासी समाज के जल, जंगल, जमीन में ग्रामसभा के अधिकारों को खत्म कर दिया गया है। इस तरह यह आदिवासी विरोधी सरकार है।”

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