रांची। झारखंड सरकार ने सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत संचालित पेंशन योजनाओं में एपीएल और बीपीएल कार्ड की बाध्यता समाप्त कर दी है। इसे यूनिवर्सल पेंशन योजना का नाम दिया गया है। 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले हर वर्ग के बुजुर्ग, नि:शक्त और निराश्रित जिनमें विधवा, एकल, परित्यक्त महिलाएं इस पेंशन स्कीम के दायरे में आयेंगे। लाभुकों के लिए सिर्फ एक सीमा यह है कि वे आयकर दाता की श्रेणी में नहीं आते हों। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा आधिकारिक तौर पर यह जानकारी दी गयी है। बताया गया है कि सभी लाभुकों को एक हजार रुपये की पेंशन महीने की पांच तारीख को प्रतिमाह उनके बैंक खाते में प्राप्त होगी।
सरकार ने यूनिवर्सल पेंशन योजना के तहत 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। यह योजना 15 नवंबर से लागू की गयी है। बताया गया है कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा पूर्व से संचालित पेंशन योजनाओं में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार एक निश्चिक संख्या में लाभुकों का चयन किया जाता था। ऐसे में कई जरूरतमंद पेंशन योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाते थे। अब सभी को योजना का लाभ देने हेतु झारखंड सरकार ने पहले की विसंगतियों को दूर करते हुए हर उस व्यक्ति को यूनिवर्सल पेंशन योजना से जोड़ने का फैसला लिया है जो इसकी पात्रता रखता है। सरकार के महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के माध्यम से इस पेंशन योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
यूनिवर्सल पेंशन स्कीम के तहत मुख्यमन्त्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन के लिए उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक का कोई भी व्यक्ति आवेदन कर सकता है। इसके लिए सिर्फ उम्र संबंधी दस्तावेज की जरूरत पड़ेगी। मुख्यमंत्री राज्य निराश्रित महिला सम्मान पेंशन के लिए 18 वर्ष से अधिक आयु की वैसी महिलाएं पात्र मानी जायेंगी, जिनके पति की मृत्यु हो गयी हो। इसके अलावा 18 वर्ष अथवा इससे अधिक आयु की परित्यक्त महिला, 45 वर्ष अथवा उससे अधिक उम्र की एकल महिला को भी पेंशन का लाभ मिलेगा।
एचआईवी/एड्स पीडित व्यक्ति सहायतार्थ पेंशन के लिए कोई आयु सीमा नहीं रखी गई है। आवेदक के लिए एआरटी-एआरडी प्राप्त करने संबंधी चिकित्सा प्रमाण पत्र की जरूरत होगी। जरूरतमंद इन पेंशन योजनाओं का लाभ लेने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा शहरी क्षेत्रों में अंचल पदाधिकारी को आवेदन दे सकते हैं।