रांची। झारखंड की राजधानी रांची में आदिवासी संगठनों और आदिवासी संघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को पिस्कामोड़ के टंगरा टोली में हिंदुवा तिर्की व पुतुल तिर्की की खतियानी जमीन पर दलालों द्वारा अवैध रूप से निर्माण कराए गए चहारदीवारी को तोड़ दिया।
सैंकड़ों की संख्या में आदिवासी संगठन के लोग सरना झंडा और हाथ में हथौड़ा, सब्बल, ढेलफोरा लेकर निर्माण स्थल पर पहुंचे तथा आदिवासी जमीन की लूट के खिलाफ़ नारे लगाते हुए एक घंटे में ही दो एकड़ जमीन पर बनी बाउंड्री को तोड़ दिया। इस दौरान सुखदेव नगर पुलिस के आने पर भीड़ और उग्र हो गई। पुलिस स्थिति को भांपते ही घटना स्थल से वापस लौट गई।
जमीन मालिक पुतुल तिर्की ने कहा कि धारा 144 के लागू होने के बावजूद दलालों ने जमीन पर काम कराया है। पुलिस जमीन मालिकों के बजाए जमीन हड़पने वालों के पक्ष में ही खड़ी रही है।
घटनास्थल पर हुई सभा
इस दीवार को तोड़ने के बाद घटनास्थल पर ही सभा की गई, जिसे आदिवासी नेता राजेश लिंडा ने संबोधित किया। राजेश ने कहा कि सीएनटी एक्ट के बावजूद आदिवासी जमीन की लूट जारी है। अब पूरे रांची में जमीन लूट के खिलाफ आंदोलन तेज होगा।
आदिवासी संघर्ष मोर्चा की नेत्री अलमा खलखो ने कहा कि जान दे देंगे पर जमीन लूटने नहीं देंगे। आदिवासी संघर्ष मोर्चा जमीन पहचान और झारखंडी संस्कृति की रक्षा के लिए लड़ाई को मजबूती से लड़ेगा।