रांची। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 165 एकड़ क्षेत्रफल में निर्मित झारखंड उच्च न्यायालय के नये भवन एवं परिसर का बुधवार शाम को यहां उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल भी उपस्थित रहे।
इस मौके पर राष्ट्रपति ने हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में अपनी बात रखते हुए कहा, कोर्ट के फैसलों में सिर्फ अंग्रेजी ना हो। हिंदी सहित देश की दूसरी भाषाओं का इस्तेमाल किया जाना चाहिए ताकि लोग सहजता से जुड़ सकें। कोर्ट के फैसले को समझ सकें। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मैंने गांव में देखा है कि कोर्ट के फैसले के बाद भी लोगों को न्याय नहीं मिलता।
राष्ट्रपति ने कहा कि झारखंड का यह नया भवन न्याय का मंदिर है। झारखंड हाईकोर्ट ने आज एक नया लैंडमार्क पार किया है। उम्मीद है हाईकोर्ट का यह नया भवन झारखंड के लोगों का न्यायपालिका पर भरोसा और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि आज भी हजारों लोगों को न्याय नहीं मिल पाता है। यहां न्यायपालिका के कई सर्वोच्च पदाधिकारी बैठे हैं। सबको न्याय मिले ये उनकी जिम्मेवारी है।
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा, मुझे संदेह नहीं है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की देखरेख में झारखंड हाईकोर्ट बेहतर करेगा। हाईकोर्ट न्याय का मंदिर है जहां लोग इंसाफ के लिए पहुंचते हैं। यही वजह है कि हमारा लोकतंत्र लगातार मजबूत हो रहा है। नया हाईकोर्ट भवन लंबी सोच के साथ बना है। यह एक बेहतरीन उदाहरण है कि हम भविष्य कैसे प्लान कर सकते हैं।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, सर्वोच्च न्यायालय के सात साल के मेरे निजी अनुभव में सजा होने से पहले गरीब लोग कई दिनों तक जेल में बंद रहते हैं। अगर न्याय जल्दी नहीं मिले तो उनकी आस्था कैसे बनी रहेगी। जमानत के मामलों में प्रत्यक्ष रूप में हमें इस मामले में हमें ध्यान रखना चाहिए। मैं समझता हूं कि जिला न्यायालय को बराबरी देने की जरूरत है। जिला न्यायालय की गरिमा नागरिकों की गरिमा से जुड़ी है।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मौके पर कहा, छोटे- छोटे अपराधों में झारखंड के गरीब लोग भी लंबे समय से जेल में बंद है। हमने एक सूची बनाई है जिसमें पांच साल से ज्यादा लंबित हैं। चार वर्षों से अधिक लंबित सूची तैयार की है जिसकी संख्या तीन हजार दौ सौ है। हम छह महीने के भीतर इन मामलों को भी निपटाने की कोशिश की है। भविष्य में जो भी जरूरत होगी राज्य सरकार उस पर ध्यान देगी
नए उच्च न्यायालय का 165 एकड़ परिसर क्षेत्रफल के मामले में देश में सबसे बड़ा है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह हाइकोर्ट सुप्रीम कोर्ट से भी लगभग तीन गुना बड़ा है। नव निर्मित उच्च न्यायालय परिसर में न्यायाधीशों के लिए 25 पूरी तरह केंद्रीकृत वातानुकूलित कक्ष हैं और अधिवक्ताओं को बैठने के लिए दो बड़े हॉल हैं जिनमें से प्रत्येक में 1200 लोग बैठ सकते हैं। अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा इस परिसर में वकीलों के लि 540 चैंबर बनाये गये हैं। 165 एकड़ में बने उच्च न्यायालय परिसर को 550 करोड़ की लागत से बनाया गया है तथा इसकी भव्यता देखते ही बनती है।
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देवघर, झारखंड में बाबा बैद्यनाथ धाम में दर्शन किए और सभी देशवासियों के कल्याण हेतु प्रार्थना की। साथ ही उन्होंने रांची में धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा और परमवीर चक्र विजेता लांस नायक अल्बर्ट एक्का की प्रतिमाओं पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।