बोकारो। अवैध रूप से झारखंड के चक्रधरपुर से आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा भेजी जा रही 15 लड़कियों को रेलवे सुरक्षा बल ने बचाया है। इन सभी लड़कियों को एलेप्पी एक्सप्रेस से भेजने की तैयारी थी। शक के आधार पर रेलवे सुरक्षा बल ने एलेप्पी एक्सप्रेस में सवार होने से पहले ही बोकारो आरपीएफ ने रोक लिया। आरपीएफ ने दो दलालों को भी गिरफ्तार कर लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। उसका कहना है कि लड़कियों को मछली एक्सपोर्ट से जुड़ी एक कंपनी में काम करने के लिए ले जाया जा रहा है।
बताया गया कि पश्चिम सिंहभूम के सराईकेला रहने वाले 29 वर्षीय कार्तिक लोहार ने सभी अलग-अलग गांव से गरीब लड़कियों को आंध्र प्रदेश में काम दिलाने के नाम पर तैयार कराया। इसके बाद टाटा व अन्य स्टेशन पर कड़ाई को देखते हुए पुरुलिया के रहने वाले रोहित चटर्जी के कहने पर बोकारो लाया गया। यहां से लड़कियों को विजयवाड़ा भेजने की तैयारी थी।
एक समूह में इतनी सारी लड़कियों को देखकर महिला दारोगा मीना कुमारी को संदेह हुआ। उन्होंने आरपीएफ प्रभारी राज कुमार साव से संपर्क किया। उनके निर्देश पर पूछताछ शुरू हुई तो पता चला कि पूरा मामला अवैध रूप से मजदूरों की सप्लाई से जुड़ा है। लड़कियों को दोनों दलाल काम दिलाने के नाम पर विजयवाड़ा ले जा रहे थे। हालांकि न तो लड़कियां और न ही उनके परिवार के सदस्यों को इस बात की जानकारी है कि उन्हें किस काम से ले जाया जा रहा है। सभी लड़कियों को उनके घर भेजने की तैयारी की जा रही है। हालांकि समाचार लिखे जाने तक मामला दर्ज नहीं हो सका है।
रोहित चटर्जी ने बताया कि सभी लड़कियों को आंध्र प्रदेश में मछली निर्यात करने वाली कंपनी ब्लू पार्क सी फूड्स में काम दिलाने ले जा रहे थे। पहले लड़कों को ले जाते थे। इस बार लड़कियों भी साथ जा रही है। उन्हें 9000 रुपये मासिक मिलेंगे। परिवार वालों को दो-दो हजार रुपये फिलहाल दिया है। परिवार के अनुमति से ही लड़कियों को ले जा रहे हैं। कुछ लड़कियों की उम्र कम है इसकी जानकारी नहीं थी।
कोई भी मजदूर जो कि किसी कंपनी में काम करने के लिए बोकारो से बाहर जाता हो। उस कंपनी को मजदूरों को ले जाने के पहले उनका निबंधन कराना जरूरी है। यदि निबंधन के बिना मजदूरों को ले जाया जा रहा है तो ह्यूमन ट्रैफेकिग एक्ट तहत मामला दर्ज होने के साथ-साथ श्रम कानून के तहत भी कार्रवाई होगी।
हरेन्द्र कुमार सिंह, श्रम अधीक्षक बोकारो
रेलवे सुरक्षा व जीआरपी के जवानों ने जब एक साथ समूह में लड़कियों को देखा तो संदेह हुआ। पूछताछ की गई तो लड़कियों ने न तो जाने का कारण बताया, किसके साथ जा रही हैं कहां जा रही है यह भी जानकारी नहीं दे सकी। इससे यह स्पष्ट होता है कि लड़कियों को काम के लिए ले तो जाया जा रहा है पर क्या काम लिया जाएगा इसकी जानकारी नहीं दी गई है। मामले में आरपीएफ व जीआरपी कार्रवाई कर रही है।
ए के हलदर, स्टेशन प्रबंधक