भोपाल। चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जीत हुई है तो वहीं कांग्रेस को सिर्फ तेलंगाना में जीत मिली। इन राज्यों में हुए चुनाव में कुछ ऐसे उम्मीदवार भी रहे जिन्होंने बेहद गरीबी में रहते हुए भी अपनी सियासी किस्मत आजमाई।
इन्हीं में से एक हैं मध्य प्रदेश के रतलाम जिले की सैलाना सीट से चुनाव लड़ने वाले कमलेश्वर डोडियार, जिन्होंने भारत आदिवासी पार्टी के टिकट से सैलाना से चुनाव लड़ा। सैलाना सीट मध्य प्रदेश की वह एकमात्र सीट है जिसे बीजेपी और कांग्रेस के अलावा किसी अन्य दल ने जीता हो। आपको बता दें कि रविवार को जारी हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के रिजल्ट के अनुसार बीजेपी ने 230 में से 163 और कांग्रेस ने 66 सीटें जीती हैं, जबकि एक सीट भारत आदिवासी पार्टी के खाते में गई है, जो कि सैलाना सीट है।
कर्ज लेकर लड़ा चुनाव
बताया जाता है कि कमलेश्वर डोडियार के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वे चुनाव लड़ सकें। जिसके बाद उन्होंने 12 लाख का कर्ज लिया और चुनाव लड़ा। कमलेश्वर डोडियार ने कांग्रेस प्रत्याशी हर्ष विजय गहलोत को 4618 वोटों से शिकस्त दी। कमलेश्वर को 71,219 वोट मिले, जबकि हर्ष को 66,601 वोट मिले। वहीं बीजेपी की संगीता चारेल तीसरे नंबर पर रहीं। बता दें कि मध्य प्रदेश के अंदर सैलाना सीट पर प्रदेश का सबसे अधिक 90.08 प्रतिशत मतदान हुआ।
झोपड़ी में रहता है कमलेश्वर का परिवार
बताया जाता है कि कमलेश्वर डोडियार के पास रहने के लिए घर नहीं है, जिसके चलते वह झोपड़ी में रहते हैं और बारिश के समय उसपर तिरपाल डालकर उनका परिवार पानी से बचने की कोशिश करता है। सबसे रोचक बात यह रही कि रविवार के दिन काउंटिंग के दौरान जैसे-जैसे वोटों का अंतर बढ़ता गया, आस-पास के लोग कमलेश्वर को जीत की बधाई देने लगे, लेकिन उनकी मां सीताबाई मजदूरी में व्यस्त थीं। 33 वर्षीय कमलेश्वर डोडियार ने भारत आदिवासी पार्टी के टिकट से सैलाना सीट पर जीत दर्ज की है।
मजदूरी किया करते थे कमलेश्वर
कमलेश्वर डोडियार का जन्म एक मजदूर परिवार में हुआ और वह मजदूरी के बीच पले-बढ़े। कमलेश्वर अपने 6 भाई और 3 बहनों में सबसे छोटे हैं। पढ़ाई में रुचि होने के कारण उन्होंने ग्रेजुएशन किया, लेकिन इसके बाद वह कोटा चले गए थे। जहां उन्होंने मकान के निर्माण कार्य में मजदूरी का काम किया। बचपन से लेकर अब तक उन्होंने गरीबी को नजदीक से देखा और जाना है।