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सीएम हेमंत सोरेन ने उठायी आदिवासी रेजिमेंट की मांग

कोलकाता। पूर्वी क्षेत्र परिषद की कोलकाता में आयोजित बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में झारखंड से जुड़ी कई मांगों को रखा। उन्होंने सेना में आदिवासी रेजिमेंट और झारखंड में रेलवे मुख्यालय खोलने पर जोर दिया।

भारत का इतिहास आदिवासियों के बलिदान से भरा पड़ा है पर इनकी वीरता को वह पहचान नहीं मिल पाई जिसके वह हकदार हैं। इसलिए सेना में आदिवासी रेजिमेंट के गठन का निर्देश रक्षा मंत्रालय को दिया जाए। सीएम हेमंत सोरेन ने गृहमंत्री अमित शाह से यह मांग रखी। सीएम हेमंत सोरेन कोलकाता में आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के बैठक में कई अहम बातें रखीं।

आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए वन नियम में बदलाव जरूरी
गृहमंत्री अमित शाह से अपनी बात रखते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि वन संरक्षण नियम, 2022 में बदलाव की जरूरत है। इस नियम में जिस तरह से ग्राम सभा के अधिकारों को खत्म किया गया है, इससे देशभर के 20 करोड़ आदिवासी और वनों में पीढ़यों से रहने वाले लोगों के अधिकारों में अतिक्रमण हो रहा है। उन्होंने इसमें आवश्यकता के अनुसार संसोधन करने की बात कही। उन्होंने बैठक में इस बात पर जोर देते हुए कहा कि पांच हेक्टेयर तक की वन भूमि के अपयोजन के लिए राज्य सरकार ने जो प्रावधान बनाए थे, उन्हें लागू किया जाए।

कोल इंडिया के एक लाख छत्तीस हजार करोड़ बकाये का हो भुगतान
उन्होंने कहा कि राज्य का विभिन्न कोयला कंपनियों जैसे सीसीएल, बीसीसीएल और इसीएल पर कुल एक लाख छत्तीस हजार करोड़ बकाया है। इस बकाये राशि का जल्द से जल्द भुगतान कराया जाए। बंद खदानों को लेकर उन्होंने गृहमंत्री से कहा कि वैसे माइंस जो बंद हो चुके हैं, उन खदानों का तरीके से क्लोजर कराया जाए ताकि पर्यावरण की सुरक्षा हो सके। वहीं अवैध खनन पर भी रोक लग सके।

साहेबगंज में एयरपोर्ट बनाया जाए
साथ ही उन्होंने बताया कि साहेबगंज को मल्टी मॉडल टर्मीनल के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह भविष्य में पूर्वोत्तर राज्यों के लिए गेटवे बनेगा। इस संभावना को देखते हुए यहां एयरपोर्ट बनाया जाए। उन्होंने कहा कि रेलवे को झारखंड से काफी आय प्राप्त होता है पर रेलवे का एक भी जोनल मुख्यालय यहां नहीं है। गृहमंत्री से उन्होंने राज्य में रेलवे का जोनल मुख्यालय स्थापित करने का निर्देश देने को कहा। वहीं बताया कि केंद्र प्रायोजित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में विगत दस वर्षों से भारत सरकार द्वारा कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। महंगाई को देखते हुए इस राशि में पर्याप्त बढ़ोत्तरी की आवश्यकता है।

पीएम आवास योजना से राज्य के आठ लाख से अधिक परिवार वंचित
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में झारखंड के लगभग आठ लाख पैंतीस हजार परिवार इसके लाभ से अभी भी वंचित हैं। इन सभी को आवास स्वीकृत करने का निर्देश ग्रामीण विकास मंत्रालय को दिया जाए।

झारखंड जैसे उग्रवाद प्रभावित एवं गरीब राज्य में सीएपीएफ की प्रतिनियुक्ति के लिए केंद्र सरकार के द्वारा राज्य सरकार से राशि के भुगतान की मांग नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि जीएसटी कंपनसेशन की अवधि को अगले पांच सालों के लिए बढ़ाया जाए। ऐसा नहीं होने की स्थिति में राज्य को हर साल लगभग पांच हजार करोड़ रूपये का नुकसान होने की संभावना है।

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