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75वें स्वाधीनता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की मुख्य बातें

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 75वें स्वाधीनता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित किया। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का यह लगातार आठवां संबोधन था। पेश है उनके इस संबोधन की मुख्य बातें:

* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 100 लाख करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा विकास कार्यक्रम गतिशक्ति शुरू किये जाने की घोषणा की। प्रधानमंत्री गतिशक्ति- नेशनल मास्टर प्लान औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ हवाईअड्डे, नई सड़कों और रेल योजनाओं सहित यातायात की व्यवस्था को दुरूस्त करेगा और युवाओं के लिये रोजगार के नये अवसर सृजित करेगा।

* नवीकरणीय ऊर्जा से कार्बन मुक्त ईंधन पैदा करने के लिये राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन शुरू करने की औपचारिक घोषणा करने के साथ ही आजादी के 100 साल पूरे होने से पहले यानी 2047 तक ऊर्जा के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने की घोषणा की।

* आज हम गर्व से कह सकते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम हमारे देश में चल रहा है। 54 करोड़ से ज्‍यादा लोग टीके की खुराक ले चुके हैं। कोरोना वैश्विक महामारी में हमारे डॉक्‍टर, हमारी नर्स, हमारे पैरामेडिकल स्‍टाफ, हमारे सफाईकर्मी, वैक्‍सीन बनाने में जुटे हमारे वैज्ञानिक हों आदि सभी वंदन के अधिकारी हैं।

* आज दुनिया भारत को एक नई दृष्टि से देख रही है और इस दृष्टि के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं। एक आतंकवाद और दूसरा विस्तारवाद। भारत इन दोनों ही चुनौतियों से लड़ रहा है और सधे हुए तरीके से बड़े हिम्मत के साथ जवाब भी दे रहा है।

* ओलंपिक में भारत की युवा पीढ़ी ने भारत का नाम रोशन किया है। खिलाड़ियों ने हमारा दिल ही नहीं जीता है, बल्कि भारत की युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का बहुत बड़ा काम किया है।

* आजादी के सौ वर्ष में बचे 25 वर्ष देश के लिए अमृत काल है। लेकिन हमें अपने लक्ष्‍यों की प्राप्‍ति के लिये इतना लम्‍बा इंतजार भी नहीं करना है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्‍वास और अब सबका प्रयास हमारे हर लक्ष्‍यों की प्राप्‍ति के लिये बहुत महत्‍वपूर्ण है।

* जब हम आजादी के 100 साल में प्रवेश करें तो हमें आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करना सुनिश्चित करना होगा।

* 21वीं सदी में भारत को नयी ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए भारत के सामर्थ्य का सही और पूरा इस्तेमाल जरूरी है…यह समय की मांग है। बहुत जरूरी है कि इसके लिए जो वर्ग या क्षेत्र पीछे हैं, हमें उनका हाथ थामना ही होगा।

* दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, सामान्‍य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया जा रहा है। अभी हाल ही में मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में, ऑल इंडिया कोटे में ओबीसी वर्ग को आरक्षण की व्‍यवस्‍था भी की गई है। संसद में कानून बनाकर ओबीसी से जुड़ी सूची बनाने का अधिकार राज्‍यों को दे दिया गया है।

* जम्‍मू-कश्‍मीर में परिसीमन आयोग का गठन हो चुका है और भविष्‍य में विधानसभा चुनावों के लिए भी तैयारियां चल रही हैं।

* अब से हर वर्ष 14 अगस्‍त को विभाजन विभीषिका स्‍मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा। आजादी के 75वें स्‍वतंत्रता दिवस पर विभा‍जन विभीषिका स्‍मृति दिवस का तय होना, विभाजन की त्रासदी झेलने वाले लोगों को हर भारतवासी की तरफ से आदरपूर्वक श्रद्धांजलि है।

* हमारा पूर्वी भारत, पूर्वोत्तर, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख सहित पूरा हिमालय का क्षेत्र हो या हमारा तटीय क्षेत्र या फिर आदिवासी अंचल हो, यह भविष्य में भारत के विकास का बड़ा आधार बनेंगे।

* आज पूर्वोत्तर में संपर्क का नया इतिहास लिखा जा रहा है। ये संपर्क दिलों का भी है और बुनियादी ढांचों का भी है। बहुत जल्द पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियों को रेल सेवा से जोड़ने का काम पूरा होने वाला है।

* छोटा किसान बने देश की शान, ये हमारा सपना है। आने वाले वर्षों में हमें देश के छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को और बढ़ाना होगा। उन्हें नई सुविधाएं देनी होंगी।

* दस करोड़ से अधिक किसान परिवारों के बैंक खातों में अब-तक डेढ़ लाख करोड़ से ज्‍यादा रकम सीधे उनके खातों में जमा करा दी गई है।

* विकास के पथ पर आगे बढ़ते हुए भारत को विनिर्माण और निर्यात दोनों को बढ़ाना होगा।

* हमारे विनिर्माताओं को इस बात को कभी नहीं भूलना होगा कि आप जो उत्पाद बाहर बेचते हैं, वह सिर्फ आपकी कंपनी के द्वारा बनाया हुआ सिर्फ एक पुर्जा या उत्पाद नहीं है, उसके साथ भारत की पहचान और प्रतिष्ठा जुड़ी होती है।

* अभी कुछ दिन पहले ही भारत ने अपने पहले स्‍वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को समुद्र में परीक्षण के लिए उतारा है। भारत आज अपना लड़ाकू विमान बना रहा है, अपनी पनडुब्बी बना रहा है। गगनयान भी अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए तैयार हो रहा है। ये स्‍वदेशी विनिर्माण में हमारे सामर्थ्‍य को उजागर करता है।

* देश में 110 से अधिक आकांक्षी जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, सड़क और रोजगार से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इनमें से अनेक जिले आदिवासी अंचल में हैं

* बड़े परिवर्तन लाने के लिए बड़े सुधार के लिए राजनीतिक इच्‍छाशक्ति की जरूरत होती है। आज दुनिया देख रही है कि भारत में राजनीतिक इच्‍छाशक्ति की कोई कमी नहीं है।

* बेवजह के कानूनों की जकड़ से मुक्ति जीवन की सुगमता के साथ-साथ व्यवसाय की सुगमता दोनों के लिए बहुत ही जरूरी है। हमारे देश के उद्योग और व्‍यापार आज इस बदलाव को महसूस कर रहे हैं।

* नई राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति में गरीबी के खिलाफ लड़ाई का साधन भाषा है, ऐसा मैं मानता हूं। ये नई राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति भी एक प्रकार से गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने का एक बहुत बड़ा शस्‍त्र बनकर के काम आने वाला है।

* मैं भविष्‍यद्रष्‍टा नहीं हूं। मैं कर्म के फल पर विश्‍वास करता हूं। देश के युवाओं, बहनों, बेटियों, किसानों और पेशेवरों पर मुझे विश्वास है। यह “कर सकता हूं” वाली पीढ़ी है। यह हर लक्ष्‍य हासिल कर सकती है।

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