अंबिकापुर (छत्तीसगढ़)। सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड के कई गांव आज भी विद्युत सुविधा से वंचित है। केंद्र सरकार की सौभाग्य योजना के तहत सिर्फ खंभे लगाकर गांवो को विद्युतीकृत कर दिए जाने का आरोप भाजपा ने लगाया है। इस पूरे मामले में विद्युत वितरण कंपनी की भूमिका संदिग्ध है। बिजली की सुविधा नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सरगुजा जिले के कुछ आदिवासी गांव प्रशासन की घोर लापरवाही व आदिवासी समाज के प्रति उपेक्षाचार के कारण बिजली सुविधा से वंचित हैं। उदयपुर विकास खण्ड के ग्राम भकुरमा, जूझडांड़, बेलडांड़, दर्रीडांड़, कानाडांड़ व भेलवाडांड़ में ढ़ाई वर्ष पूर्व केन्द्रीय मद की सौभाग्य योजना से ठेकेदार द्वारा खंभे लगा दिए गए हैं लेकिन इतने दिनों बाद भी बजट होने के उपरांत उन खंभों में तार व ट्रांसफार्मर की व्यवस्था नहीं की गई है। सोमवार को जन सम्पर्क में पहुंचे भाजपा जिला उपाध्यक्ष विनोद हर्ष से ग्रामीणों ने अपनी इस मूलभूत समस्या से अवगत कराया व बताया कि हम सभी लगातार दो वषोर् से कार्यालय व अधिकारियों का चक्कर लगा रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इस सुदूर बीहड़ जंगल क्षेत्र में लगातार हाथियों की आवाजाही लगी रहती है। बिजली न होने के कारण दिक्कत और बढ़ जाती है। बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है।
भाजपा जिला उपाध्यक्ष विनोद हर्ष ने ग्रामीणों की बात सुनकर उनसे हस्ताक्षरित आवेदन लेकर तत्काल इस मामले को कलेक्टर व अन्य संबंधित अधिकारियों से भेंट कर अवगत कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने शत् प्रतिशत गांवों में विद्युतीकरण के लिए देश भर के सभी राज्यों में सौभाग्य योजना के तहत राशि उपलब्ध करा दी है। शासन प्रशासन द्वारा जनजातीय बहुल ग्रामों की घोर उपेक्षा समझ से परे है। उन्होंने कहा कि यदि समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं होगा तो जनता आंदोलन के लिए बाध्य होगी।