रांची/ खूँटी । झारखंड राज्य के स्थापना दिवस और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज खूँटी के उलिहातू में राज्य को 7200 करोड़ के योजनाओं की बड़ी सौगात दी। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने पीएम किसान सम्मान निधि की 15वीं किस्त भी जारी की, जिसमें करीब 18,000 करोड़ रुपए किसानों के बैंक खातों में भेजे गए।
इसके साथ ही उन्होंने ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जो 22 नवंबर तक आदिवासी बाहुल्य इलाकों में चलेगी। वहीं कार्यक्रम में पीएम मोदी के संबोधन के पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संदेश प्रसारित किया गया।
उलिहातू में भगवान बिरसा मुंडा की जंयती के मौके पर पीएम ने ‘जोहार’ कहते हुए सभा को संबोधित करना प्रारंभ किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि “आप सभी को जोहार… आज का दिन सौभाग्य से भरा हुआ है। मैं कुछ देर पहले ही भगवान बिरसा मुंडा के जन्म स्थली उलिहातू से लौटा हूँ। उनके परिजनों से बड़ी सुखद भेंट हुई है और उस पवित्र माटी को अपने माथे पर लगाने का सौभाग्य मिला हैं।”
मुझे बिरसा मुंडा मेमोरियल पार्क और फ्रीडम फाइटर म्यूजियम देखने का भी आज अवसर मिला है। पीएम मोदी ने कहा कि दो साल पहले आज के दिन ही मुझे म्यूजियम को देश को समर्पित करने का मौका मिला था। मैं सभी देशवासियों को जनजातीय गौरव दिवस की बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। देश के सैंकड़ों स्थानों पर देश के वरिष्ठ जन आज झारखंड का स्थापना दिवस मना रहे हैं। अटल जी के प्रयास से ही इस राज्य का गठन हुआ था। देश को विशेषकर झारखंड को अभी 50 हजार करोड़ रुपए की अलग-अलग परियोजनाओं का उपहार मिला है।
जनजातीय गौरव और संघर्ष के प्रति भगवान की गाथा हर देशवासी को प्रेरणा से भर देती है। झारखंड राज्य का कोना-कोना ऐसे ही महान विभूतियों को उनके हौसलों के प्रयास से जुड़ा हुआ है। तिलका मांझी, सिद्धू-कान्हों, चांद-भैरव, फूलो-झानो, नीलांबर-पीतांबर, जतरा टाना भगत और अल्बर्ट एक्का जैसे अनेक वीरों ने इस धरती का गौरव बढ़ाया हैं। अगर हम आजादी का आंदोलन देखें तो देश का ऐसा कोई कोना नहीं है जहां झारखंड के आदिवासी योद्धाओं ने मोर्चा नहीं लिया हो। लेकिन ये देश का दुर्भाग्य है कि आजादी के बाद ऐसे वीरों के साथ न्याय नहीं हुआ।
इतिहासकारों ने वीर शहीद आदिवासियों के साथ अन्याय किया: हेमंत सोरेन
इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि आज भगवान बिरसा की जयंती और राज्य स्थापना दिवस है। उन्होंने कहा कि झारखंड एक आदिवासी बाहुल राज्य है और मैं भी इसी समाज से आता हूँ। मुझे आदिवासी होने का गर्व है। आज पीएम ने इस कार्यक्रम के जरिए पूरे राज्य को देश से जोड़ा है। निश्चित रुप से भगवान बिरसा मुंडा इस राज्य के ही नहीं बल्कि पूरे देश के आदिवासियों के भगवान हैं।
वैसे भी झारखंड वीरों की धरती रही है। चाहे वो भगवान बिरसा मुंडा हो, सिद्धो-कान्हो हो, चांद-भैरव, फूलो-झानो, तेलंगा खड़िया हो, आपने इसकी एक झलक हमारे बिरसा म्यूजियम में देखा भी होगा। आदिवासी समाज सदियों से अपनी हक अधिकार की लड़ाई लड़ता रहा है चाहे वो अंग्रेजों से हो या महाजनों से हो। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि इतिहासकारों ने आज तक वीर शहीद आदिवासियों को उचित जगह नहीं दी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिम जनजाति आज अपने पहचान को लड़ रहा है अगर ऐसा रहा तो आदिम जनजाति का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। हमने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के जरिए जनता तक पहुंच रहे हैं। सीएम हेमंत ने कहा कि झारखंड कई मायनों में अहम है। हम आपसे (पीएम) आग्रह करते हैं कि यहां के आदिवासी जंगल में रहते है और विभिन्न परियोजनाओं के नाम पर इनका विस्थापन होता है। इनके प्रति विशेष कार्य योजना केंद्र तैयार करें।