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एथलीट अंजलि उरांव की मौत से उपजे सवाल !

रांची। खेलगांव स्थित झारखंड राज्य खेल प्रोत्साहन सोसाइटी (JSSPS) के अंतर्गत प्रशिक्षु एथलेटिक्स खिलाड़ी अंजलि उरांव की रविवार को मौत हो गई। बताया जा रहा है अंजलि कई दिनों से बीमार चल रही थी, मगर उसका हाल जानने वाला कोई नहीं था। जब अंजलि ने उल्टी की और उसकी हालत बेकाबू होती दिखी तब आनन-फानन में उसे सीसीएल के गांधीनगर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि अस्पताल ले जाने के क्रम में ही अंजलि ने दम तोड़ दिया। अंजलि उरांव की आयु 14-15 के बीच बताई गई है।

अंजलि के मौत का कारण यह भी बताया जा रहा है कि पहले सीसीएल के गांधीनगर अस्पताल के बगल के दवाखाने से ही दवाइयां मंगाई जाती थी लेकिन आरोप है कि JSSPS की महिला अधिकारी राखी रानी गुप्ता ने दवा के कमीशन को लेकर दवा की दुकान ही बदल डाली जो अब अपर बाजार से मंगाई जा रही थी जिस कारण दवा समय पर लाना मुश्किल होता था। सूत्रों के अनुसार यहां की करीब आधा दर्जन से अधिक खिलाड़ी बीमार हैं।

जेएसएसपीएस में प्रशिक्षण ले रहे अन्य खिलाड़ियों ने बताया कि तबीयत खराब होने की जानकारी मिलने के बाद भी मैनेजमेंट ने ध्यान नहीं दिया। उसे किसी स्पेशलिस्ट डॉक्टर से नहीं दिखाया गया। बेहतर इलाज के लिए ले जाने की जगह उसका हॉस्टल में ही रखकर इलाज किया जा रहा था।

लोहरदगा में किया गया अंतिम संस्कार
रिम्स में पोस्टमार्टम के बाद खिलाड़ी के शव को उसके घर लोहरदगा ले जाया गया जहा अंतिम संस्कार किया गया। उनके परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। उन्होंने मौत का जिम्मेदार झारखंड राज्य खेल प्रोत्साहन सोसाइटी के अधिकारियों को बताया है। उनका साफ कहना था कि वे अपने खिलाड़ियों को इन अधिकारियों के भरोसे ही ट्रेनिंग के लिये छोड़ते हैं। यहां की व्यवस्था को लेकर कई बार सवाल उठाया गया है मगर यहां के अधिकारी इससे बेपरवाह हैं।

साथी खिलाड़ियों ने कार्यवाई की मांग की
अपने सहयोगी महिला खिलाड़ी के मौत के बाद छात्रावास में रह रहे बाकी खिलाड़ियों ने जमकर नारेबाजी की। युवा खिलाड़ी अपने छात्रावास से पैदल सड़क पर आ धमके, जहां युवा खिलाड़ियों ने JSSPS के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारे बाजी भी की। उन्होंने साफ-साफ आरोप लगाया कि पैसों की लालच में इन अधिकारियों ने अंजलि उरांव की जान ले ली। बता दें कि अभी तक इन खिलाड़ियों के लिये अलग से कोई डॉक्टर की व्यवस्था नहीं की गई है जिस कारण कई खिलाड़ी बीमार चल रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यहाँ किसी खिलाड़ी के बीमार होने पर गूगल से सर्च कर के दवाईयां दी जाती हैं।

बताते चले कि यहां की जिम्मेदारी CCL ले रखी है पिछले कई बार यहां से CCL के CMD को लिखित शिकायत भी की गई है अगर समय रहते कोई करवाई कर दी जाती तो आज एक मासूम की जान न जाती।

क्यों खोला गया है जेएसपीएस?
झारखंड स्टेट स्पोटर्स प्रमोशन सोसाइटी यानी जेएसएसपीएस झारखंड सरकार की ओर से संचालित किया जाता है। इस सोसाइटी के गठन के पीछे का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले खिलाड़ियों को तैयार करना और उन्हें राज्य, राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाना है। इसकी शुरुआत रघुवर दास सरकार के समय 2015 में की गयी। इसके संचालन के लिए राज्य सरकार और सीसीएल के बीच समझौता भी हुआ है। यहां एथलेटिक्स, फुटबॉल, तीरंदाजी के अलावा उन खेलों के खिलाड़ियों को ट्रेंड किया जाता है, जिसके स्टेडियम मौजूद हैं।

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