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बेसहारा बच्चों के लिए देवदूत बना प्रशासन

अगर सरकार ईमानदारी से चाह ले, तो कोई भी नागरिक असहाय या अनाथ नहीं रहेगा। यह कोई कहावत नहीं, बल्कि हकीकत है। हाल के दिनों में, झारखंड सरकार ने इसे कई बार साबित कर के दिखाया है।

ताजा मामला कल का है, जब सरायकेला- खरसावां जिले के एक शख्स ने ट्विटर पर झारखंड के परिवहन तथा आदिवासी कल्याण मंत्री चम्पई सोरेन को टैग करते हुए, एक परिवार के बारे में बताया, जिसके अभिभावकों की असमय मृत्यु की वजह से बच्चे अनाथ हो चुके हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के राजनगर क्षेत्र के मुरुमडीह निवासी विद्याधर बेहरा का निधन पिछले हफ्ते होने के बाद उनकी दोनों बेटियां भवानी बेहरा (21) व नंदिनी बेहरा (18), तथा बेटा सत्यम बेहरा (8) अनाथ हो गया, क्योंकि उनकी माँ की मृत्यु भी पाँच साल पहले हो चुकी थी। इन बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित ग्रामीणों ने सरकार के पास सहायता के लिए गुहार लगाई।

पूरे राज्य में अपनी सह्रदयता के लिए विख्यात मंत्री चम्पई सोरेन ने मामले का त्वरित संज्ञान लेते हुए सरायकेला- खरसावां के उपायुक्त अरवा राजकमल को मैसेज फॉरवर्ड करते हुए लिखा – “इस मामले का संज्ञान लेकर परिवार को सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं से जोड़ें। इन बच्चियों की शिक्षा बाधित ना हो, इसका भी इंतजाम किया जाये।”

कुछ ही घंटों में जिला प्रशासन की टीम उस गांव में पहुंची, और उन्होंने उस परिवार की परेशानियों को समझने का प्रयास किया। बच्चों को बैंक एकाउंट खोलने और जरूरी कागजात जमा करने को कहा गया। अगले दिन, उपायुक्त के विशेष प्रतिनिधि प्रदीप सिंह, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, व चाइल्ड वेलफेयर कमिटी समेत कई अन्य अधिकारी उस गांव में दोबारा पहुंचे।

इस परिवार को तात्कालिक सहायता के तौर पर अनाज व राहत सामग्री दी गई। फिर दोनों बालिकाओं को सुकन्या समृद्धि योजना से जोड़ा गया, तथा भविष्य को देखते हुए बड़ी लड़की को उसकी पसंद के क्षेत्र में रोजगार संबंधी प्रशिक्षण दिलवाने का निर्णय लिया गया। छोटी बेटी को स्थानीय कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में भर्ती करवाया जा रहा है।

चूंकि उनके घर की स्थिति खराब है, तो उन्हें पीएम आवास योजना के तहत नया पक्का मकान बनवा कर दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त उन्हें राशन कार्ड, व अन्य सुविधाओं के साथ-साथ 2000 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता भी दी जायेगी।

इस प्रकार एक मंत्री के त्वरित संज्ञान और जिला प्रशासन की कार्यवाही ने एक बिखरते हुये परिवार को संभाल दिया। सोशल मीडिया पर सरकार के इस प्रयास की भूरी-भूरी प्रशंसा हो रही है, और लोग इस कार्यवाही की सराहना कर रहे हैं।

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