रांची। रामगढ़ चुनावों से पहले, सीएम हेमंत सोरेन द्वारा गैर-आदिवासियों के बारे में दिए गये एक तथाकथित बयान की न्यूजपेपर कटिंग, फिर एक बार वायरल है। सबसे मजेदार बात यह है कि कई पत्रकार, वकील व राजनेता उसे पोस्ट कर रहे हैं, जबकि उन्हें ना तो उस अखबार का नाम पता है, ना ही प्रकाशन की तारीख, बस एक खास एजेंडा के तहत, उसका प्रचार-प्रसार करना है।
आदिवासी डॉट कॉम ने इस खबर की सत्यता की जाँच की, तो पाया कि यह खबर फर्जी प्रोपेगेंडा का हिस्सा है, जिसे किसी ने कंप्यूटर पर, जान-बूझकर बनाया है। आज कई फोटो एडिटिंग के एडवांस्ड सॉफ्टवेयर हैं, उसकी मदद से ऐसी इमेज बनाना काफी आसान है।
दरअसल विधानसभा चुनावों के दौरान 26 नवम्बर 2019 को झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने पूर्वी सिंहभूम जिले के जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र के गदडा में एक जनसभा की थी। उस सभा में देर से पहुंचने की वजह से उनका संबोधन काफी संक्षिप्त (करीब पाँच मिनट) रहा था। अभी तक उस क्षेत्र में यह सीएम का अकेला दौरा रहा है, और उसी पर आधारित एक फर्जी न्यूजपेपर कटिंग हर चुनावों से पहले वायरल की जाती है, जिसकी मदद से उन्हें गैर-आदिवासी विरोधी साबित करने की पुरजोर कोशिश होती है।
सबसे पहले अखबार की इस कटिंग को देखिये।
* इसमें अखबार का नाम नहीं है।
* इसमें रिपोर्टर का नाम नहीं है।
* क्या आपने कोई ऐसा अखबार देखा है, जिसमें खबर पूरी तरह से ब्लैक एंड व्हाइट हो, और फोटो एकदम चटख रंगीन?
* पूरी ब्लैक एंड व्हाइट खबर के बीच सिर्फ सीएम के बयान को रंगीन रख कर हाईलाइट किया गया है।
* सबसे बड़ी बात, यह तस्वीर उस दिन की नहीं है। वहाँ ना तो ऐसा स्टेज था, ना ही हेमंत सोरेन ने उस दिन नीले कपड़े पहने हुए थे। उस सभा में वे सफेद कपड़ों में थे।
* किसी भी अन्य अखबार या प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल में यह खबर क्यों नहीं है?
उसी सभा के बारे में हिन्दी अखबार दैनिक जागरण ने विस्तार से कवरेज किया है, लेकिन उसमें ना तो हेमंत सोरेन के इस बयान का जिक्र है, ना ही ऐसी किसी अन्य भड़काऊ भाषण का… दैनिक जागरण द्वारा इस्तेमाल की गई तस्वीर में आप स्टेज और उनके कपड़ों के रंग को भी देख सकते हैं।
दैनिक जागरण की वेबसाइट पर इस खबर को आप यहाँ पढ़ सकते हैं।
आदिवासी डॉट कॉम के पास उस जनसभा में हेमंत सोरेन के संबोधन की पूरी वीडियो है। इस वीडियो में उन्होंने तत्कालीन रघुवर दास सरकार पर कई हमले किए हैं, लेकिन कहीं भी वह लाइन नहीं मिलेगी, जो इस Fake News में इस्तेमाल की गई है।
उस वीडियो को आप यहाँ देख सकते हैं।
इसका मतलब स्पष्ट है कि यह खबर पूरी तरह से फर्जी है, जिसका उद्देश्य भ्रम फैला कर, समाज के एक वर्ग को हेमंत सोरेन व झारखंड मुक्ति मोर्चा के खिलाफ खड़ा करना है। इसका मकसद भले चुनावी लाभ उठाना हो, लेकिन एक जिम्मेदार व्यक्ति के फर्जी बयान द्वारा समाज में वैमनस्य फैलाने की इस कोशिश का पुरजोर विरोध होना जरुरी है।
इक्कीसवीं सदी में सोशल मीडिया फर्जी प्रोपेगेंडा फैलाने का सबसे सशक्त माध्यम बन कर उभरा है, जिसके इस्तेमाल में सावधानी बरतने की जरूरत है। किसी भी अखबार की कटिंग अथवा न्यूज पोर्टल की खबर को सच मानने या शेयर करने से पहले उसकी जाँच जरूरी है।
अगर आपको कोई ऐसी संदिग्ध खबर मिले, तो उसे factcheck@adiwasi.com पर ई-मेल करें। हमारी टीम उसकी जाँच कर के, तथ्यों का पता लगाने का प्रयास करेगी।