जमशेदपुर। पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल स्थित चाकुलिया प्रखंड में सोनाहातू पंचायत के मालखाम ग्राम में रतन हांसदा के परिवार को डायन बिसाही के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है। इस पर पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने जिले के उपायुक्त सूरज कुमार को पत्र लिखकर परिवार को प्रताड़ना से मुक्त कराने की मांग की है। सालखन ने लिखा है कि उस परिवार को भयंकर तरीके से प्रताड़ित किया जा रहा है।
रतन हांसदा पर पहले 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। जब उसने यह राशि देने में असमर्थता जताई, तो उसके घर से 40,000 रुपये के दो बैल खोल कर ले गए और उन्हें गांव से भगा दिया गया। यह किसी भी नागरिक की गरिमा के साथ जीने के मौलिक अधिकार पर सीधा हमला है। अतएव इस घटना पर संविधान सम्मत कानून के तहत ठोस कार्रवाई की जाए।
इससे पहले भी हुई थी ऐसी घटना
सालखन मुर्मू ने उपायुक्त को बताया है कि इससे पहले भी जिले में इस तरह की घटना हुई थी, लेकिन कार्रवाई नहीं होने से इस कुरीति को बढ़ावा मिल रहा है। घाटशिला क्षेत्र के पोखरिया गांव में 3 जून 2021 को लखन चंद्र टूडू के परिवार के साथ भी ऐसी ही एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना को अंजाम दिया गया था। परंतु घाटशिला थाना में शिकायत करने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
सुनियोजित साजिश के तहत हो रही घटनाएं
पूर्व सांसद ने कहा कि आदिवासी संताल समाज के भीतर इस प्रकार की अनेक घटनाओं के पीछे प्रथा- परंपरा आदि के नाम पर निर्दोषों को बेवजह प्रताड़ित करने का एक सुनियोजित षड्यंत्र जारी है। कुछ आदिवासी संगठन संविधान कानून विरोधी ज्ञान बांट कर भोले-भाले आदिवासियों को गांव-गांव में भड़काने का काम करते रहते हैं। मजबूरों से जबरन वसूली के जुर्माने की रकम को माझी बाबा के नेतृत्व में गांव के लोग दारू- मुर्गा खा पीकर ऐश करते हैं। न्याय के नाम पर भयंकर अन्याय चालू है। ऐसी हालत में सुरक्षा और न्याय देना पुलिस प्रशासन का दायित्व बन जाता है।
एक परिवार से वसूले सात लाख रुपये
सालखन ने लिखा है कि संताल परगना में एक घटना हुई थी, जो 25 जुलाई 2018 को अखबार में दुमका से प्रकाशित हुई थी। इसके अनुसार संदिग्ध हत्यारों को गांव के माझी बाबाओं ने सात लाख रूपयों का जुर्माना लेकर छोड़ दिया था।
जन-जागरण अभियान चलाए प्रशासन
आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने उपायुक्त से आग्रह किया है कि पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन डायन बिसाही के खिलाफ जनजागरण अभियान चलाए। गैरकानूनी कामों में लिप्त संगठनों और व्यक्तियों की पहचान कर उनपर उचित कार्रवाई की जाए। अधिकांश प्रताड़ित होने वाले निर्दोष संताल आदिवासी न्याय और सुरक्षा नहीं मिलने पर ईसाई धर्म अपनाने को मजबूर हो रहे हैं।
मंत्री चंपई सोरेन ने लिया संज्ञान
इस मामले के अखबार में छपने के बाद, कुछ लोगों ने झारखंड के आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन को ट्विटर पर इसकी जानकारी दी, जिस पर उन्होंने जमशेदपुर पुलिस को न्यायोचित कार्यवाही करने का निर्देश दिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस मामले का संज्ञान ले लिया गया है, और कार्यवाही की जा रही है। (दैनिक जागरण से इनपुट के साथ)