इंदौर। मध्यप्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। यही वजह है कि आदिवासी वोट बैंक को लुभाने के लिए सियासी दलों ने कमर कस ली है। एक ओर भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी टंट्या मामा भील की जन्म स्थली पहुंचे, तो भाजपा इसके जवाब में टंट्या मामा भील की इंदौर में प्रतिमा लगाने जा रही है। इस दौरान वो एक बड़ा आदिवासी सम्मेलन भी करने वाली है, जिसमें एक लाख से ज्यादा आदिवासियों को जुटाने की तैयारी की जा रही है।
मध्यप्रदेश में आदिवासियों की जनसंख्या करीब 25 फीसदी है और विधानसभा की 230 सीटों में से 47 सीटें आदिवासियों के लिए रिजर्व हैं। वहीं इन आरक्षित सीटों के अलावा 37 और विधानसभा सीटों पर आदिवासी समुदाय का वर्चस्व है। राज्य में राजनीतिक दलों के भाग्य को तय करने में ये सीटें निर्णायक भूमिका निभाती हैं, यही वजह है कि राज्य के दोनों प्रमुख सियासी दल बीजेपी और कांग्रेस इन्हें अपने पाले में करने के लिए जी जान से जुट गये हैं। हाल में ही, भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी टंट्या मामा भील की जन्मस्थली पहुंचे।
भाजपा करने जा रही बड़ा आदिवासी सम्मेलन
अब भाजपा 4 दिसंबर टंट्या मामा भील के बलिदान दिवस पर इंदौर में एक बड़ा आदिवासी सम्मेलन करने जा रही है। इसमें 1 लाख से ज्यादा आदिवासियों को जुटाने की तैयारी है। आगामी 4 दिसंबर को भंवरकुआं चौराहे पर सीएम शिवराज सिंह चौहान टंट्या मामा भील की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। साथ ही आदिवासियों के बीच ये मैसेज देने की कोशिश करेंगे कि बीजेपी ही आदिवासी समाज के उत्थान और कल्याण में लगी हुई है। इससे पहले बीजेपी माहौल बनाने के लिए क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या भील के बलिदान दिवस को लेकर इंदौर की सभी विधानसभा क्षेत्रों में गौरव यात्रा भी निकाल रही है।