रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के एक ट्वीट से राज्य की आदिवासी राजनीति गरमा गई है। डॉ. रमन ने नारेबाजी करते आदिवासियों का वीडियो शेयर करते हुए सवाल किया है कि आखिर आदिवासी भाइयों का अपमान क्यों? वहीं, सर्व आदिवासी समाज ने इस पूरे मामले से अनभिज्ञता जाहिर की है। समाज के प्रमुख नेताओं ने कहा कि न तो हमें सीएम हाउस बुलाया गया था और न ही हम गए थे। कौन लोग वहां गए थे, इसकी जानकारी हमें नहीं है।
दरअसल, पूर्व सीएम डॉ. रमन ने अपने ट्वीट में आरोप लगाया है कि आदिवासियों को मुख्यमंत्री निवास बुलाया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री उनसे नहीं मिले। डॉ. रमन ने सवाल किया है कि जब बैठक करनी ही नहीं थी तो फिर आदिवासी भाइयों को सीएम हाउस बुलाकर अपमानित क्यों किया गया। सर्व आदिवासी समाज ने इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया है।
समाज के संरक्षक व पूर्व सांसद अरविंद नेताम और अध्यक्ष सोहन पोटाई ने कहा कि हमारा कोई प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री निवास नहीं गया था। सीएम हाउस जाने वाले कौन लोग थे और किसके बुलावे पर वहां गए थे, इसकी हमें कोई जानकारी नहीं है। पोटाई ने कहा कि यदि किसी को सीएम हाउस से बुलावा आया था तो उसे समाज के प्रमुख लोगों को बताना चाहिए था।
वहीं, दूसरे खेमे के नेता बीपीएस नेताम ने भी स्पष्ट किया कि वे या उनके साथ का कोई भी मुख्यमंत्री निवास नहीं गया था। कौन लोग वहां गए थे इसकी भी जानकारी नहीं है। इधर, पता चला है कि चारामा (कांकेर जिला) के विजय ठाकुर के नेतृत्व में कुछ आदिवासी नेता सीएम हाउस पहुंचे थे।