नई दिल्ली। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) ने छत्तीसगढ़ से विस्थापित हुए करीब 5000 आदिवासी परिवारों की पहचान एवं उनके पुनर्वास के लिए उठाए गए कदम के बारे में छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र को कार्रवाई रिपोर्ट देने को कहा है।
आयोग और केंद्रीय जनजाति मामलों के मंत्रालय ने जुलाई, 2019 में इन राज्यों से 13 दिसंबर, 2005 से पहले वाम चरमपंथ के कारण विस्थापित हुए आदिवासियों की संख्या का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण कराने का कहा था ताकि उनके पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू की जा सके। राज्यों को सर्वेक्षण के लिए तीन महीने का समय दिया गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अक्तूबर, 2019 में भी इन राज्यों को पत्र लिखकर उनसे यह पता करने को कहा था कि छत्तीसगढ़ से कितने आदिवासी विस्थापित हुए।
आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमे बताया गया कि कोविड-19 के चलते राज्य सर्वेक्षण नहीं कर पाए। हमने 12 जनवरी को एक अन्य नोटिस जारी कर उनसे 30 दिनों के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है। आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता शुभ्रांशु चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने स्थानीय आदिवासियों को माओवादियों के विरूद्ध लामबंद कर 2005 में सलवा जुडूम शुरू किया था।