रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री को हटाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने अपनी याचिका में कहा है कि चुनाव आयोग ने उन्हें पद से हटाने का आदेश राज्य के मुख्य सचिव को भेजा था, जबकि किसी भी अधिकारी की पदस्थापना और तबादले का अधिकार राज्य सरकार के पास है।
प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता गौरव राज ने अदालत को बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा मंजूनाथ भजंत्री को चुनाव कार्यों से हटा दिया गया है। इसके साथ-साथ, उन्हें उपायुक्त के पद से हटाने तथा भविष्य में बिना चुनाव आयोग की अनुमति के किसी भी जिले का उपायुक्त नहीं बनाने का आदेश दिया है, जो गलत है।
उनके अनुसार प्रतिनियुक्ति की अवधि तक ही चुनाव आयोग के पास कार्यवाई का अधिकार रहता है। उपायुक्त की प्रतिनियुक्ति की अवधि मई 2021 में ही समाप्त हो गई थी, लेकिन आयोग ने दिसम्बर 2021 में आदेश पारित किया, जब उनके पास ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है।
ज्ञात हो कि आयोग ने छह दिसंबर 2021 को मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मंजूनाथ भजंत्री को पद से हटाने, अगले आदेश तक उपायुक्त नहीं बनाने तथा चुनाव संबंधित कार्यों में नहीं लगाने का आदेश जारी किया था। चुनाव आयोग के आदेश से नाराज आम जनता ने, सोशल मीडिया पर, डीसी के पक्ष में जोरदार अभियान चलाया था।
चुनाव आयोग के आदेश के अगले दिन, राज्य की सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार ने, इसे अपने अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप बताते हुए, मानने से इंकार कर दिया था। हालांकि उसके बाद, जिले में निर्वाचन से संबंधित कार्य के लिए दूसरे अधिकारी को प्रभारी बनाया जाता है।